Breaking News

ऊपरी आहार की सही शुरुआत को गांव-गांव लगी पोषण पाठशाला

विशेषज्ञों ने दी स्तनपान के साथ अर्धठोस ऊपरी आहार की सटीक जानकारी

कानपुर नगर। कुपोषण मुक्ति के लिए शासन की ओर से कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। बाल तथा महिला विकास विभाग द्वारा बच्चों के साथ-साथ गर्भवती तथा धात्री महिलाओं को भी पोषण योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। इसी क्रम में किसान पाठशाला की तर्ज पर गुरुवार को पूरे जिले के एनआईसी सहित सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण पाठशाला का आयोजन किया गया। पाठशाला में विभागीय सेवाओं के साथ पोषण प्रबंधन, कुपोषण से बचाव के उपायों पर विशेषज्ञों ने सवालों के जवाब दिए । दोपहर 11 बजे से एक बजे तक एनआईसी के माध्यम से वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा पोषण पाठशाला लगायी गयी।

राज्य स्तरीय पोषण पाठशाला में विशेषज्ञ आईआईटी मुंबई से प्रोफेसर डॉ रूपल दलाल, एसजीपीजीआई लखनऊ की वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ पियाली भट्टाचार्य, महाराष्ट्र से पोषण विशेषज्ञ दीपाली फरगड़े और कंसल्टेंट देवाजी पाटिल द्वारा मिली जानकारी जनपद के लिए सहायक सिद्ध होगी जिससे वह अपने अपने क्षेत्र में लाभार्थियों को ऊपरी आहार के संदर्भ में सटीक जानकारी दें पांएगी।

जिला कार्यक्रम अधिकारी दुर्गेश प्रताप सिंह ने बताया कि पाठशाला में ऊपरी आहार संबंधी चुनौतियों तथा उनके समाधानों पर विस्तृत चर्चा की गयी । कार्यक्रम की थीम सही समय पर ऊपरी आहार की शुरुआत है। उन्होंने बताया की पोषण पाठशाला में वेब कास्ट के माध्यम से जनपद में कार्यरत सभी बाल विकास परियोजना अधिकारी, मुख्य सेविका, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, लाभार्थी, धात्री महिलाओं को जोड़ा गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से लाभार्थियों व अन्य द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर भी दिया गया।

जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया- बच्चों के विकास का सीधा संबंध उनके आहार से होता है। सुपोषित बचपन के लिए छह माह के बाद ऊपरी आहार की शुरुआत एक महत्वपूर्ण हस्तक्षेप है, जिसमें परिवार सुमदाय तथा प्रथम पंक्ति के कार्यकर्ताओं विशेषत: आँगनबाड़ी कार्यकर्ता का महत्वपूर्ण योगदान है। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि संभव अभियान के अंतर्गत प्रतिमाह वर्चुअल पोषण पाठशाला के द्वारा महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की जा रही है जिससे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर गर्भवती और धात्री महिलाओं को स्तनपान के साथ अर्धठोस ऊपरी आहार के संबंध में जानकारी प्रदान कर सकें। पाठशाला के जरिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पोषण के संदर्भ में विशेषज्ञों द्वारा जानकारी आसानी से मिल जाती है।

कल्यानपुर ब्लाक से जुडी लाभार्थी पूनम ने पुछा कि क्या पांच महीने बाद से हम अर्ध ठोस आहार दे सकते हैं ? विशेषज्ञों द्वारा कहा गया कि छः माह तक सिर्फ स्तनपान उसके बाद ही उपरी आहार देना ठीक है। बिधनू ब्लाक से जुडी लाभार्थी नुसरत ने पुछा कि छः माह बाद घी या तेल दे सकते हैं या नहीं ? इस पर बताया गया कि उचित मात्रा में ही घी या तेल देने कि शुरुआत करनी चाहिये।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर 

About Samar Saleel

Check Also

AKTU, नवोन्मेष आइडिया चैलेंज 2025: 24 घंटे में 42 टीमें अपने आइडिया को देगी मूर्तरूप

लखनऊ। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में सोमवार को अलग ही माहौल देखने को ...