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लखनऊ विश्वविद्यालय: ‘संस्कृति सुरभि महोत्सव’ के दूसरे दिन प्रतिभागियों ने दिखाई प्रतिभा

लखनऊ विश्वविद्यालय के द्वितीय परिसर में चल रहे ‘संस्कृति सुरभि महोत्सव’ का द्वितीय दिवस भी पहले दिन की तरह ही काफी सफल रहा। हिंदी डिबेट, इंग्लिश डिबेट, युगल नृत्य, युगल गायन, ऊँचीकूद, लम्बीकूद, मिश्रित युगल बैडमिंटन,भाला फेंक, कबड्डी, फुटबॉल, खो-खो, नुक्कड़ नाटक सहित लगभग 18 से अधिक प्रतिस्पर्धाएं शांतिपूर्ण तरीके से सपन्न हुई।

हिंदी डिबेट के निर्णायक मंडली के सदस्य एव समाजशास्त्री डॉ रोहित मिश्रा प्रतिभागियों द्वारा किये गए प्रयास से काफी प्रसन्न दिखे एव बच्चो के प्रति अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि बहस मनुष्य की वह प्रतिक्रिया है जो एक स्वस्थ मस्तिष्क का आभास कराती है क्योंकि बिना छिन्द्रान्वेषी मस्तिष्क के वाद-विवाद करना सम्भव ही नही है। उन्होंने शिक्षार्थियों को अधिक से अधिक डिबेट कम्पटीशन में प्रतिभाग करने को प्रोत्साहित किया क्योंकि तर्कशीलता, वाकपटुता एवं त्वरित निर्णय लेने की क्षमता ऐसे ही प्रयास से अर्जित होती है।

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वहीं निर्णायक मंडली के दूसरे सदस्य एवं इतिहास शिक्षक के डा नीलेश सिंह ने तमाम ऐतिहासिक तथ्यों के उदाहरण के माध्यम से डिबेट की महत्ता को समझाया। उन्होंने प्राचीन काल के एक छात्र ‘नागसेन’ का उदाहरण दिया जिन्होंने अपने वाद-विवाद की कला से हिन्द-यवन सम्राट मिनांडर को कैसे प्रभावित किया था।

निर्णायक मंडल के सदस्य डा कुलवंत सिंह ने कहा कि डिबेट छात्रों के मानसिक विकास का एक महत्वपूर्ण साधन है। हिंदी डिबेट और इंग्लिश डिबेट प्रतियोगिता में लगभग 130 से अधिक शिक्षार्थियों ने भाग लिया। डिबेट के निर्णायक मंडली में अजय सिंह एव प्रिया त्रिपाठी आदि गणमान्य व्यक्तित्व मौजूद रहे।

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वहीं युगल गायन प्रतियोगिता के निर्णायक रहे डा ललित श्रीवास्तव ने संगीत के बारे में बोलते हुए कहा कि यह हमारे जीवन की आवाज होती है। चाहे दुनिया में कितनी अलग अलग भाषाएँ हो जाएँ, लेकिन संगीत से अच्छी कोई भाषा नहीं हो सकती है, जिसे सब समझते हैं। संगीत प्रतियोगिता में आज विजयी प्रतिभागी कल होने वाले सेमीफाइनल में प्रवेश करेंगे। ऐसे ही फुटबॉल, कब्बडी आदि खेलो में आज जीतने वाली टीमें कल अपने नॉकआउट मुकाबले खेलेंगे।

आज के कार्यक्रम का संचालन आदित्य, श्रेया, शिवम, देवेश आदि छात्रों ने किया। आपको बता दे शिया पीजी कालेज, सिटी ला कालेज, केकेसी, डीएवी डिग्री, नर्वदेश्वर लॉ कॉलेज, लखनऊ लॉ कॉलेज, गीता लॉ कॉलेज इत्यादि तथा विभिन्न विश्वविद्यालयों जैसे भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, बीबीडी विश्वविद्यालय, रामस्वरूप विश्वविद्यालय, एमिटी यूनिवर्सिटी इत्यादि के छात्र इस प्रतियोगिता में बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं। संस्कृति-सुरभि महोत्सव 17 दिसम्बर तक चलेगा, जिसमे 50 से अधिक खेल-एव सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही है।

आज के कार्यक्रम में गोला फेंक में आईईटी लखनऊ के क्षितिज गुप्ता प्रथम स्थान पर, द्वितीय स्थान पर आईआईटी लखनऊ के अंतरिक्ष सिंह राठौर तथा लड़कियों में नेशनल पीजी कॉलेज की मुस्कान प्रथम स्थान पर तथा लखनऊ विश्वविद्यालय के द्वितीय परिसर की श्रेया द्वितीय स्थान पर, डिसकस में एकेटीयू के शिवम प्रथम तथा आईआईटी के नितिन द्वितीय स्थान पर तथा लड़कियों में नेशनल पीजी कॉलेज की मुस्कान प्रथम एवं लखनऊ विश्वविद्यालय की आकृति द्वितीय स्थान पर, जेवलिन में लखनऊ विश्वविद्यालय के हिमांशु प्रथम स्थान पर एवं एकेटीयू के शिवम द्वितीय स्थान पर तथा लड़कियों में नेशनल पीजी कॉलेज की मुस्कान प्रथम स्थान पर एवं लखनऊ विश्वविद्यालय जी आकृति द्वितीय स्थान पर, बैडमिंटन सिंगल्स में लड़कों में एमिटी यूनिवर्सिटी के मोक्ष प्रथम स्थान पर तथा इंटिग्रल यूनिवर्सिटी के कामरान विजेता हुए।

इसी प्रकार वॉलीबॉल की टीम में जय नारायण पीजी की टीम प्रथम स्थान पर तथा बाबू बनारसी दास द्वितीय स्थान पर है कबड्डी की लड़कियों की टीम में केकेसी किसी की टीम प्रथम स्थान पर तथा एलपीसीपीएस की टीम द्वितीय स्थान पर आई। इसी प्रकार नुक्कड़ नाटक में एलपीसीपीएस की टीम प्रतिबिंब प्रथम स्थान पर तथा द्वितीय स्थान पर आईटी कॉलेज की टीम हुंकार एवं तृतीय स्थान पर आईटी कॉलेज की टीम कलयुग विजेता रहे। इन सभी विजेताओं को लखनऊ विश्वविद्यालय द्वितीय परिसर के निदेशक प्रोफेसर बी डी सिंह, स्पोर्ट इंचार्ज डॉ अनुराग कुमार श्रीवास्तव तथा लखनऊ विश्वविद्यालय के खेल एवं सांस्कृतिक समिति के निदेशक प्रोफेसर सतीश चंद्र एवं समिति के अध्यक्ष डॉ उग्रसेन वर्मा ने ढेर सारी बधाइयां दी।

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