रायबरेली। पेट्रो व डीजल की खोज करते हुए ONGC ओएनजीसी की टीम कासगंज से डलमऊ क्षेत्र के भीरा गोविंदपुर पहुंच गई है और उक्त प्रकरण की खोज की बात सुनकर किसान भी हैरान है, जब टीम ने किसानों के खेतों में बोरिंग करने लगे तो किसानों ने इसका विरोध किया उसके बाद अपर पुलिस अधीक्षक द्वारा जारी आदेश को दिखाने पर किसान शांत हुए लेकिन राजस्व विभाग की तरफ से इनके पास कोई प्रमाण पत्र नहीं है।
ONGC की टीम को लेकर
ओएनजीसी ONGC की टीम को लेकर इस बात को लेकर गांव में चर्चा का विषय बना हुआ है। पेट्रोल व डीजल की खोज करते हुए ओएनजीसी की टीम पटियाली कासगंज से भीरा गोविंदपुर पहुंची और जगह जगह खेतों में डब्ल्यू आर यू मशीन और जीरो मोबाइल का सेट लगाकर सेटेलाइट द्वारा डाटा सेट करते हैं ।
इसके बाद वह खेतों में बोरिंग करके उसमें विस्फोटक पदार्थ डालकर उसे ब्लास्ट करते है और इसी को खेतों में लगे डब्ल्यूआरयू मशीन डाटा सेट कर लेती है। करीब 1 सप्ताह से मौजूद टीम ने भीरा गोविंदपुर ,चरानीहार, पूरे गुंदा, भनवे सहित लगभग आधा दर्जन गांव तक डब्ल्यूआरयू की 120 मशीनों को सेट कर चुके हैं।
पेट्रो व डीजल खोज के लिए आई ओएनजीसी की टीम ने शुक्रवार को शाम करीब 4ः00 बजे अलग अलग 18 स्थानों पर 25 बार ब्लास्ट किया। जिसकी वजह से क्षेत्र में लोग दहशत में आ गए छोटे बच्चों की कौन कहे गांव में बड़े- बुजुर्ग भी ब्लास्ट की आवाज सुनकर कांप उठे गांव निवासी लालता प्रसाद मौर्य, राधेश्याम, दुर्गा प्रसाद सहित आदि लोगों ने बताया है कि पेट्रो व डीजल खोज करने के लिए टीम द्वारा खेतों में बोरिंग की जाती है ।
बोरिंग में विस्फोटक पदार्थ
बोरिंग में विस्फोटक पदार्थ डाल कर उसे ब्लास्ट किया जाता है ब्लास्ट की आवाज एवं कंपन्नता इतनी तीव्र होती है कि घरों की छतें भी हिल उठती हैं। यत प्रशिक्षण लगभग 1 सप्ताह से चल रहा है शाम के 4 बजे से लेकर शाम 6ः00 बजे तक लोग अपने घरों के अंदर नहीं रहती क्योंकि यही समय इनका ब्लास्ट करने का होता है।
पेट्रो और डीजल की खोज करने के लिए कासगंज से भीरा गोविंदपुर पहुंची टीम ने लगभग आधा दर्जन से अधिक गांव में जांच कर चुके लेकिन कहीं भी डीजल पेट्रोल होने की पुष्टि होने के संकेत भी नहीं मिले हैं। टीम में कार्य कर रहे हैं कर्मचारियों ने बताया कि पेट्रो व डीजल की खोज करते हुए लगभग 1 सप्ताह हो चुका है लेकिन अभी तक इस मामले के संकेत नहीं मिले है। लगभग 3 माह पूर्व पटियाली कासगंज से निकली ओएनसीजी की टीम विभिन्न स्थानों मे पेट्रोल एवं डीजल की खोज करते हुए इलाहाबाद तक जाएगी। इस दौरान मिले सैंपलो की जांच के लिए दिल्ली भेजे जाएंगे जिसकी रिपोर्ट आने में लगभग 1 से 2 वर्ष लग सकते हैं।