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जिला अस्पताल में संचालित रैन बसेरे व शौचालय में खुले आम लूट, जिम्मेदार मौन

  • अस्पताल में पेशाब जाना भी मंहगा, वसूल रहे शुल्क
  • निर्धारित दरों से दुगुना हो रही उगाही

रायबरेली। जिला अस्पताल प्रांगण में संचालित रैन बसेरा व शौचालय में कोई नियम लागू नही है ना ही शासन द्वारा जारी निर्देश का लाभ यहां आने वाले मरीजों व तीमारदारों को मिलता है। यहां लोगों को छोटी-छोटी सुविधाओं के लिए भटकना पड़ता है। यहां कोई किसी की सुनने वाला नहीं है। रैन बसेरे में भी लोगों को रोककर मनमाना शुल्क वसूल किया जाता है यहां दो हाल हैं एक में महिला तो दूसरे में पुरुष के रुकने की व्यवस्था है।

लेकिन कोई सुविधा नही है न पंखे हैं न बिस्तर जबकी इसके नाम पर शुल्क लिया जा रहा है जो बिस्तर हैं भी उनकी हालत ऐसी है की उसमें नींद तो दूर बैठना भी मुश्किल है। यहां रुकने वाले लोग बताते हैं की पैसे अधिक देकर महिलाओं के हाल में भी पुरुष तीमारदारों को ठहरा दिया जाता है। इससे रुकी महिलाओं में भी असुरक्षा की भावना रहती है।बताते हम बात कर रहें हैं जिला अस्पताल के शौचालय व रैन बसेरे की जहां पर अवैध उगाही की जा रही है लेकिन जिम्मेदार मौन हैं या इस ओर से उनका ध्यान नही जा रहा है।

क्या बोले जिम्मेदार – सम्बंध में सीएमएस से बात करने का प्रयास किया गया पर उनका फोन नही उठा। सीएमओ वीरेंद्र सिंह ने बताया की उन्हें इस मामले की जानकारी है सीएमएस को होगी।

आम आदमी की जेब में डांका डाला जा रहा है। खुले आम यहां के संचालक यहां आने वाले मरीज व उनके तीमारदारों से दोगुना शुल्क वसूल रहें हैं। इसमें रैन बसेरे में रात रुकने शौचालय प्रयोग व स्नान के लिए जो शुल्क निर्धारित है उसका रेट बोर्ड कही नही लगा एक बोर्ड तो है पर उसे पेंट कर साफ कर दिया है। रेट की जानकारी मरीजों व तीमारदारों को नही है इसका भी लाभ उठाया जा रहा है। इस सम्बन्ध में तीमारदार मनोज त्रिवेदी कहते हैं की यहां के संचालक ने लूट मचा रखी है।

यहां स्नान के लिए 10 रुपए, शौचालय के लिए 10 रुपए , पेशाब के लिए 5 रुपए रात में रुकने के लिए 30 रुपए लिए जा रहें हैं जबकी इन कार्यों के लिए लिए इन रेट का आधा शुल्क ही लेना है। इस सम्बन्ध में सम्बंधित ठेकेदार विजय कुमार से भी फोन पर इसका शुल्क पूँछा गया तो उसने बताया की रात रुकने का 15 रुपए, शौचालय का 5 रुपए, स्नान का 5 रुपए है । पेशाब जाने का शुल्क नही है। फिर भी प्रशासन की आंख के नीचे यह वसूली चिंताजनक है। इसकी हकीकत परखने के लिए जब इस संवाददाता ने शौचालय जाने के लिए रेट पूँछा तो यहां काम कर रहे एक दैनिक कर्मचारी ने बड़ी सहजता से बताया 10 रुपए लगते हैं।

इस पर उनसे सभी व्यवस्थाओं पर शुल्क की जानकारी ली गई तो उसने जो बताया उससे साबित हो गया की जो निर्धारित दर है उससे डबल यह लोग वसूली की जा रही है। हद तो ये है की यहां पेशाब जाने के लिए 5 रुपए वसूल लिए जाते हैं । जो की बिल्कुल निःशुल्क है जानकारी के आभाव में व मजबूरी मे लोग ये शुल्क चुकाने को मजबूर हैं लेकिन जिम्मेदार इस पर ध्यान नही दें रहे हैं। यहां रैन बसेरे व शौचालय का हाल भी बदतर है। पानी की टंकीया टूटी हैं व शौचालय हो या विश्रामालय गन्दगी से लबरेज हैं । हालत देख के यही लगता है की कोई सफाई कर्मी शायद ही कभी यहां आता हो।

रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्र

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