महाराष्ट्र में विपक्षी दलों के सदस्यों ने धारावी पुनर्विकास मुद्दे पर बुधवार को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर हमला बोला और उस पर अदाणी समूह का पक्ष लेने और झुग्गी बस्ती के निवासियों को अधर में छोड़ देने का आरोप लगाया। धारावी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाली मुंबई कांग्रेस प्रमुख वर्षा गायकवाड़, विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे और विपक्षी दलों के अन्य विधायकों ने विधान भवन की सीढ़ियों पर इस मुद्दे पर नारेबाजी की।
इस दौरान नेताओं ने ‘धारावी वचवा, लघु उद्योग वचवा’ (धारावी बचाओ, लघु उद्योग बचाओ) के नारे लगाए। देश की आर्थिक राजधानी के मध्य भाग में स्थित धारावी कई छोटे पैमाने पर, असंगठित उद्योगों का केंद्र है जो दवाओं, चमड़े, जूते, कपड़े और अन्य चीजों का निर्माण करते हैं। इसे एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्तियों में से एक के रूप में जाना जाता है।
सरकार ने 259 हेक्टेयर की धारावी पुनर्विकास परियोजना के लिए सबसे ऊंची बोली प्रदाता के रूप में सामने आने बाद, अदाणी प्रॉपर्टीज को पिछले साल नवंबर में परियोजना सौंपी थी। इस परियोजना में कथित तौर पर 20,000 करोड़ रुपये के राजस्व की संभावना है, जिसमें धारावी झुग्गी का पुनर्निर्माण शामिल है।
इस दौरान दानवे ने कहा, ‘सरकार धारावी की जमीन अदाणी को गिफ्ट कर रही है। लेकिन झुग्गी बस्ती में लघु उद्योग चलाने वाले कई लोग इस प्रक्रिया में प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा, “उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अडानी की धारावी परियोजना के सभी समझौतों और निविदा पर हस्ताक्षर किए हैं… धारावी में 70,000 से अधिक लोगों को वहां घर मिलेगा या नहीं, इस पर संदेह है। इसी तरह टीडीआर का स्वामित्व भी अदाणी समूह को दिया जा रहा है।
दानवे ने सरकार से पूछा कि वह अदाणी समूह के लिए काम कर रही है या धारावी के लोगों के लिए। उन्होंने कहा, ‘इस मुद्दे पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए हमने विधान भवन की सीढ़ियों पर प्रदर्शन किया। विपक्षी महा विकास आघाड़ी (एमवीए) इस मुद्दे को विधानमंडल के दोनों सदनों में उठाएगी।
वहीं, गायकवाड़ ने कहा कि धारावी का पुनर्विकास स्थानीय लोगों के लाभ के लिए होना चाहिए। धारावी से 100 करोड़ रुपये के वार्षिक कारोबार वाले लघु उद्योग संचालित होते हैं। निविदा में कहा गया है कि धारावी के लोगों को मौजूदा झुग्गी स्थान से 10 किलोमीटर दूर स्थानांतरित किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि टीडीआर एक बहुत बड़ा घोटाला है। बता दें कि विपक्षी दल कांग्रेस ने इससे पहले सरकार पर धारावी पुनर्विकास परियोजना के लिए नियमों में ढील देकर अदाणी समूह को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया था।