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पॉक्सो अधिनियम व शिक्षा का अधिकार पर कार्यशाला का आयोजन

लखनऊ विश्वविद्यालय के विधि संकाय की प्रतिष्ठित संस्था विधिक सहायता केंद्र व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के संयुक्त तत्वाधान में डॉ बीडी सिंह (संकायाधक्ष्य व अधिष्ठाता) और डॉ आलोक कुमार यादव (चेयरपर्सन, विधिक सेवा केंद्र) के दिशानिर्देशन में आज पायनियर मोंटसरी स्कूल, जानकीपुरम में पोक्सो अधिनियम 2012 व शिक्षा का अधिकार पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।

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विधिक सेवा केंद्र के संयोजक मनीष तिवारी ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत इरा उपाध्याय ने की, जिन्होंने बच्चों को पोक्सो अधिनियम व उसके महत्व के बारे में बताया। बच्चों को इस विषय पर अपने विचार साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

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कोमल तिवारी द्वारा अच्छे स्पर्श और बुरे स्पर्श (गुड टच-बैड टच) के बीच के अंतर को समझाया गया जो बच्चों के लिए निडरता से अधिनियम के खिलाफ बोलने में सक्षम होने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। अंतर स्पष्ट करने के लिए बच्चों को उचित उदाहरण दिए गए।

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कार्यशाला में आगे बढ़ते हुए तेजस्वी आनंद ने इस तरह के कृत्य के लिए दंड के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि ऐसी कोई घटना होने पर बच्चों को तुरंत अपने माता-पिता , अभिभावक या अन्य किसी विश्वासपात्र व्यक्ति को सूचित करना चाहिए और उन्हें आश्वासन दिया कि अपराधी को दंडित करवाया जाएगा।

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रिया मिश्रा द्वारा बच्चों को ऐसे जघन्य कृत्यों से बचाने के लिए शिक्षकों और स्कूल अधिकारियों की जिम्मेदारी समझाई गई। उन्होंने एक आरामदायक और मैत्रीपूर्ण वातावरण बनाने के महत्व पर जोर दिया ताकि बच्चे घटना की रिपोर्ट करने में संकोच न करें और शिक्षकों को इस मुद्दे के प्रति संवेदनशील और जागरूक होने की आवश्यकता है।

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अंत में विधिक सहायता केंद्र की वरिष्ठ सदस्या कृतिका सिंह ने छात्रों से यह पूछकर कार्यशाला का समापन किया कि क्या वे गुड टच और बैड टच के बीच के अंतर को समझते हैं और उन्हें अपनी चुप्पी तोड़ने और ऐसे किसी भी कृत्य के खिलाफ बोलने के लिए प्रेरित किया।

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सत्र का संचालन पीके पटेल, खंड शिक्षा अधिकारी, लखनऊ, जिन्होंने धन्यवाद प्रस्ताव दिया और एक संक्षिप्त भाषण दिया। अंत में विद्यालय की प्रचार्या फ़राया जैस्मिन ने इस तरह के सूचनात्मक सत्र के लिए विधिक सहायता केंद्र, लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रति आभार व्यक्त किया। इस दौरान विधिक सहायता केंद्र के वरिष्ठ सदस्य सौरभ राठौर भी मौजूद थे।

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