लखनऊ। पर्यटन अध्ययन संस्थान, लखनऊ विश्वविद्यालय और संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा भारतीय संस्कृति में विविधता विषय पर आज एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन प्रो आलोक कुमार राय, कुलपति, लखनऊ विश्वविद्यालय के संरक्षण में किया गया। यह संगोष्ठी भारत सरकार के दिशा निर्देश के अधीन जी-20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट के अन्तर्गत शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा, लखनऊ विश्वविद्यालय को विद्यार्थियों को जागरूक करने का एक प्रयास है।
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इस संगोष्ठी के विशिष्ट अतिथि आनन्द कुमार, आईएएस, विशेष सचिव, संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश सरकार थे जिन्होंने कहा कि ऐसे सार्थक कार्यक्रम विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों को भारत की विविध संस्कृतियों से परिचित कराने का माध्यम होते हैं। भारत की जी-20 अध्यक्षता के समय में यह संगोष्ठी बहुत ही महत्वपूर्ण है।
इस संगोष्ठी के मुख्य प्रायोजक रेडियो जयघोष संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश थे, जिन्होंने इस कार्यक्रम को विश्वविद्यालय के साथ हाल ही में हुए एमओयू के तहत प्रायोजित किया। इस संगोष्ठी के सह प्रायोजक पर्यटन युवा क्लब, पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार थे।
इस संगोष्ठी के पैनलिस्ट में कथक में अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त प्रो कुमकुम धर, पूर्व कुलपति, भातखण्डे संगीत विश्वविद्यालय, लखनऊ के साथ इण्डियन एसोशिएसन आफ टूर आपरेटर्स के उत्तर प्रदेश चैप्टर के अध्यक्ष प्रतीक हीरा, ट्रवेल एजेन्ट एसोशिएसन आफ इण्डिया के उत्तर प्रदेश एवं उत्तरा खण्ड के अध्यक्ष हिना सिराज़, सेवा चिकन संस्थान लखनऊ की संस्थापक रूना बनर्जी, इंस्टीट्यूट आफ होटल मैनेजमेन्ट के प्राचार्य डा एमके दास, उत्तर प्रदेश पर्यटन के पूर्व संयुक्त निदेशक राजेन्द्र प्रसाद थे। सभी गणमान्य विद्वानों ने भारत की संस्कृति की विभिन्न विधाओं को जी-20 से जोड़ते हुए अपने वक्तव्य से विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए प्रभावित किया।
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जी-20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट की समन्वयक प्रो पूनम टंडन, डीन एकेडमिक ने कहा कि पिछले सप्ताह से विश्वविद्यालय ने अनेकों कार्यक्रम किये हैं जिसमें यह संगोष्ठी भारत की धरोहर के ज्ञान को विद्यार्थियों के माध्यम से आने वाले वर्षों में जी-20 देशों प्रसारित करेगा तथा इन देशों के पर्यटकों को भारत आने के लिए प्रेरित करेगा। इस संगोष्ठी की संयोजक डा अनुपमा श्रीवास्तव, समन्वयक, पर्यटन अध्ययन संस्थान, लखनऊ विश्वविद्यालय थीं। रेडियो जयघोष के दुर्गेश पाठक, पर्यटन मंत्रालय के आशुतोष उपाध्याय की इस संगोष्ठी में भागीदारी रही।
साथ ही प्रो बीडी सिंह, निदेशक, द्वितीय परिसर, प्रो पीयूष भार्गव निदेशक, पर्यटन अध्ययन संस्थान, प्रो मधुरिमा लाल, निदेशक, सांस्कृतिकी, संस्थान के शिक्षकों एवं कर्मचारियों के साथ विश्वविद्यालय के गणमान्य शिक्षक, कुलानुशासक मण्डल के सदस्य एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।