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प्रथम जयंती पर याद किए गए 51 शक्तिपीठ तीर्थ के संस्थापक पंडित रघुराज दीक्षित ‘मंजु’

रघुराज दीक्षित के अवदान पर केंद्रित स्मारिका का हुआ लोकार्पण

कार्यक्रम में सम्मानित हुए परमार्थी सेवा-साधक

लखनऊ। विश्व के अद्वितीय इक्यावन शक्तिपीठ तीर्थ में संस्थापक ऋषिप्रवर पंडित रघुराज दीक्षित ‘मंजु’ की जयंती पर एक भावपूर्ण आयोजन किया गया। कार्यक्रम में उनके अवदान पर केन्द्रित स्मारिका के लोकार्पण के साथ ही परमार्थी सेवा-साधकों को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में मुख्यागत की भूमिका वरेण्य विद्वान वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सूर्यप्रसाद दीक्षित ने निभाई। अध्यक्षता लोकजीवन की चितेरी साहित्यकार डॉ. विद्याबिन्दु सिंह ने की। इसका संचालन उप्र हिन्दी संस्थान की सम्पादक डॉ. अमिता दुबे ने किया।

मुख्य अतिथि डॉ. सूर्यप्रसाद दीक्षित ने कहा कि पंडित रघुराज दीक्षित ने अपने सद्प्रयासों से 51 शक्तिपीठ तीर्थ को आस्था के शिखर पर पहुंचा दिया। ऐसा भव्य मंदिर, ऐसी आश्रम व्यवस्था अगर देखा जाए तो ऐसी विराट धार्मिक संस्था के रूप में जो इसका विकास उन्होंने किया है, वह न केवल लखनऊ के गौरव का प्रतीक बन गया, बल्कि एक अनुकरणीय आदर्श स्थापित हुआ है।

मुख्य अतिथि ने कहा कि दीक्षित जी के न रहने पर हमारा सबसे बड़ा पवित्र कर्तव्य यही होगा कि हम उनके स्वप्न को साकार करें। 51 शक्तिपीठ का निरंतर विकास करते रहें और उसके भागीदार बनें। इससे उनकी आत्मा को परितृप्ति प्राप्त होगी।

समारोह में मन्दिर की स्मारिका का विमोचन किया गया। इसके दौरान शिक्षाविद पवन सिंह चौहान, वास्तुकार आरपी सिंह व डॉ. निखिल गुप्ता जैसे लोक साधकों को सम्मानित भी किया गया। जयंती समारोह में 51शक्तिपीठ मन्दिर की कर्ताधर्ता तृप्ति तिवारी, वरद तिवारी, पुष्पा दीक्षित, कुंवर हरिदत्त सिंह, डॉ. अतुल मोहन सिंह व नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।

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