लखनऊ। पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने अपने लालबाग़ स्थित कार्यालय पर आयोजित एक पत्रकार वार्ता में कहा कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों व नई हज पॉलिसी में कमियों की वजह से हज 2025 पिछले साल की अपेक्षा और भी मुश्किल भरा होने वाला है।
श्री मंसूरी ने कहा कि अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने हज 2025 की जो पॉलिसी बनाई है उसमें सबसे बड़ी विसंगति यह है कि एक ही परिवार के महिला और पुरुष हज यात्रियों को मक्का मुकर्रमा और मदीना मुनव्वरा में अलग-अलग होटल व भवनों में ठहराया जाएगा इसी वजह से हज यात्रियों ने बहुत कम आवेदन किया।
भारतीय हज यात्रियों के लिए यह सबसे बड़ी कष्ट दाई बात है कि उनके परिवार की महिलाओं को किसी और होटल या भवन में ठहराया जाए और पुरुष को किसी और होटल या भवन में ठहराया जाए। भारत से हज जाने वाले 90% पुरुष और महिलाएं वृद्ध होती हैं। यह सभी बीमारी की वजह से दवाओं और देखरेख पर आश्रित होते हैं। अलग-अलग रहने की वजह से इनको बड़ी तकलीफ होगी। वैसे भी भारतीय लोग अपने परिवार के लोगों के साथ ही ज्यादा कंफर्ट महसूस करते हैं।
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अनीस मंसूरी ने कहा कि यही कारण है कि 65 वर्ष आयु वर्ग के आरक्षित श्रेणी के मात्र 14728 लोगों ने ही आवेदन किया है, इसी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के ड्रीम प्रोजेक्ट (बिना महरम )की मात्र 3717 महिलाओं ने ही आवेदन किया है। अनीस मंसूरी ने कहा कि इस बार उत्तर प्रदेश के बजाये सब से अधिक 17397 लोग महाराष्ट्र से जायेंगे। अनीस मंसूरी ने कहा कि हज 2025 ने गुजरात को उत्तर प्रदेश से ऊपर रखा गया।
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उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश से मात्र 15497,लोग हज करने जायेंगे जबकि हमेशा आठवें या दसववें नंबर पर रहने वाले गुजरात से 15899 लोग हज करने जायेंगे। श्री मंसूरी ने कहा कि सरकार के लिए बड़े शर्म की बात है कि अंडमान दीप-दमन से मात्र 27लोग ही हज करने जायेंगे। देश के संपन्न राज्य चंडीगढ़ से मात्र 37 लोग दादर नागर हवेली से मात्र 42लोग, हिमाचल प्रदेश से मात्र 57 लोग हज करने जायेंगे।
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अनीस मंसूरी ने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पुनः मांग करते हैं कि वह हज 2025 कि पॉलिसी से महिला और पुरुष यात्रियों को अलग अलग होटलों में ठहराने के नियम तथा 65 वर्ष आयु के प्रत्येक हज यात्री के साथ एक एक सहायक को भेजने के नियम में बदलाव करें साथ ही हज कमेटी ऑफ इण्डिया को पूर्व की तरह विदेश मंत्रालय के अधीन करें।
रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी