वाराणसी। राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत बुधवार को बड़ागांव ब्लॉक के ग्राम दर्जीपुर में स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) ने पेशेंट सपोर्ट ग्रुप (पीएसजी)/नेटवर्क अर्थात रोगी सहायता समूह/नेटवर्क के साथ बैठक की । बैठक में फाइलेरिया रोग के उन्मूलन के लिए कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में सहयोग की अपेक्षा की।
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बैठक में मौजूद दर्जीपुर के ग्राम प्रधान निहालु ने नेटवर्क सदस्यों और आशा कार्यकर्ता को ग्रामीण में फाइलेरिया रोग के लक्षण, जांच, उपचार और सहयोग के बारे में जागरूक करने के लिए कहा।
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साथ ही कहा कि आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर फाइलेरिया रोग के बारे में जानकारी प्रदान करे और साल में एक बार चलने वाले एमडीए अभियान के दौरान दो साल से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को छोड़कर सभी व्यक्तियों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खाने के लिए प्रेरित करें।
फाइलेरिया रोग से बचाव ही इसका एकमात्र उपचार है। नेटवर्क के सदस्य मुमताज़ (55), उदय भान (60) और शांति देवी (50) ने आशा कार्यकर्ता सुनीता देवी को जमीनी स्थिति के बारे में अवगत कराया और उनसे समुदाय को जागरूक करने के लिए सहयोग मांगा।
दूसरी ओर बड़ागांव ब्लॉक के दल्लुपुर ग्राम के राशन वितरण केंद्र पर लोगों को फाइलेरिया रोग के प्रति जागरूक किया गया। ग्राम प्रधान मुन्ना पटेल ने लोगों को फाइलेरिया रोग के प्रति जागरूक रहने और सरकार के इस उन्मूलन कार्यक्रम में सहयोग करने की अपील की । इस दौरान नेटवर्क के सदस्यों ने एमडीए अभियान में #फाइलेरिया रोधी दवा खाने के लिए प्रेरित किया।
सदस्य विमला देवी (37) ने बताया कि वह फाइलेरिया रोग से ग्रसित हैं।यह रोग किसी और को न हो इसके लिए वह समुदाय के हर व्यक्ति को साल में एक बार फाइलेरिया से बचाव की दवा खाने के लिए प्रेरित कर रही हैं। वहीं अन्य सदस्य सुदामा देवी (63) और कलावती देवी (70) भी समूह के साथ जुड़कर लोगों को जागरूक कर रही हैं।
रिपोर्ट-संजय गुप्ता