राजस्थान में अब कोई भी बैंक या वित्तीय संस्थान किसान की 5 एकड़ तक की जमीन कुर्क या नीलाम नहीं कर सकेगा. किसान बैंक या किसी वित्तीय संस्थान का कर्ज नहीं चुका पाता है तो बैंक उसकी 5 एकड़ तक की जमीन नीलाम या कुर्क नहीं कर सकेंगे. विधानसभा में सोमवार को पारित किये गये सिविल प्रक्रिया संहिता राजस्थान संशोधन विधेयक में यह प्रावधान किया गया है.
विधानसभा में बहस के बाद यह विधयेक पारित कर दिया गया. सदन में विधि मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि राज्य के किसानों के हितों और उनकी आजीविका का संरक्षण करने के लिए यह तय किया गया है. विधेयक के प्रावधान के अनुसार, यदि किसान जमीन पर कर्जा लेता है और वह कर्जा चुका नहीं पाता है तो उसकी पांच एकड़ तक की कृषि भूमि को कुर्क या उसे बेचा नहीं जा सकेगा.
सिविल प्रक्रिया संहिता (राजस्थान संशोधन) विधेयक-2020 को लेकर विधि मंत्री शांति धारीवाल ने सदन में बताया कि सिविल प्रक्रिया संहिता-1908 (1908 का केन्द्रीय अधिनियम सं. 5) की धारा 60 ऐसी सम्पत्ति जो कि डिक्री के निष्पादन में कुर्क और विक्रय की जा सकेगी के लिए उपबंध करती है.
किसान की पांच एकड़ तक की जमीन को नीलाम या कुर्क न करने के प्रावधान वाले विधेयक पर भाजपा ने कड़ी आपत्ति जताई है. बीजेपी के कई विधायकों ने कहा कि क्या सरकार पहले किसानों को कर्ज देने के लिए बैंकों को बाध्य करेगी?
बीजेपी विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि इस विधयेक के बाद अब कोई भी बैंक 5 एकड़ तक जमीन वाले किसान को कर्ज ही नहीं देगा, क्योंकि बैंक जब 5 एकड़ तक जमीन गिरवी रख ही नहीं सकता तो वह किसान को मॉर्गेज लोन किस आधार पर देगा. यह विधयेक किसान के लिए आफत वाला होगा, क्योंकि इसके लागू होने के बाद कोई भी बैंक छोटे किसान को कर्ज नहीं देगा.