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बिधूना के देवघट बाबा मंदिर पर चल रही राम कथा, सीता हरण प्रसंग सुन श्रोता हुए भाव विभोर, रावण ने भेष बदल किया माता सीता का हरण

औरैया। बिधूना में विकास खंड के ग्राम मऊ गूरा गांव में स्थित प्रसिद्ध देवघट बाबा मंदिर परिसर में रूद्र महायज्ञ एवं नौ दिवसीय रामकथा का आयोजन चल रहा है। आठवें दिन शनिवार को आचार्य रामजी द्विवेदी ने सीता हरण का प्रसंग सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

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कथावाचक रामजी द्विवेदी ने सीता हरण का प्रसंग सुनाते हुए श्रृद्धालुओं को बताया कि रावण ने अपने अहंकार के कारण माता सीता का हरण किया। सीता और लक्ष्मण कुटिया में अकेले थे तब एक हिरण की वाणी सुन कर सीता परेशान हो गयी। वह हिरन कोई और नहीं बल्कि रावण का मामा मारीच था। उसने रावण के कहने पर सुनहरे हिरन का रूप बनाया सीता उसे देख कर मोहित हो गयीं और उन्होंने श्रीराम से उस हिरन का शिकार करने का अनुरोध किया।

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श्रीराम अपनी भार्या की इच्छा पूरी करने चल पडे और लक्ष्मण से सीता की रक्षा करने को कहा मारीच श्रीराम को बहुत दूर ले गया मौका मिलते ही श्रीराम ने तीर चलाया और हिरन बने मारीच का वध कर दिया। मरते मरते मारीच ने भगवान राम की आवाज में जोर से हे सीता, हे लक्ष्मण की आवाज लगायी। उस आवाज को सुन सीता चिन्तित हो गयीं और उन्होंने लक्ष्मण को भी श्रीराम के पास जाने को कहा। लक्ष्मण जाना नहीं चाहते थे पर अपनी भाभी की बात को टाल न सके।

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कुटिया से लक्ष्मण के जाते ही रावण ने माता सीता का हरण करने के लिए साधू का वेश बनाया व जंगल में भिक्षा मांगने लगा। जब वह माता सीता के द्वार पर आया। तो उसने माता सीता को भी भिक्षा डालने को कहा। माता सीता भिक्षा लेकर आ गई। जब वह साधू रुप में रावण को भिक्षा डालने लगी। तो उसने कहा कि हम द्वार के अंदर से भिक्षा नहीं लेते। अगर तुम्हें भिक्षा देनी है। तो बाहर आकर दो।

माता सीता ने कहा कि उन्हें भ्राता लक्ष्मण का आदेश है। कि वह इस लक्ष्मण रेखा के बाहर नहीं जा सकती। इस पर रावण ने कहा कि अगर वह लक्ष्मण रेखा के बाहर आकर भिक्षा नहीं दे सकती। तो वह बिना भिक्षा लिए खाली हाथ ही लौट जायेगा। इतना कहने पर माता सीता लक्ष्मण रेखा से बाहर आकर साधू को भिक्षा देने लगी। तभी रावण अपने असली भेष में आकर माता सीता को अपने साथ उठा कर ले गया। कथा सुनकर पूरा माहौल भक्तिमय हो गया।

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इस मौके पर मंदिर के महंत शरद विज्ञानानंद महाराज, नारद जी, हरी चौबे, राहुल तिवारी, मंगल सिंह भदौरिया, गुड्डू श्रीवास्तव, छुन्नू तिवारी, राजू तिवारी, संदीप राठौर, सत्यम त्रिवेदी सहित भारी संख्या में महिलाएं व पुरूष मौजूद रहे।

रिपोर्ट – संदीप राठौर चुनमुन/राहुल तिवारी

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