भारतीय रिजर्वं बैंक ने उत्तर प्रदेश के कानपुर में स्थित पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक की कमजोर फाइनेंशियल स्थिति को देखते हुए उस पर छह महीने के लिये नये कर्ज देने और जमा स्वीकार करने से रोक दिया है. आरबीआई ने 11 जून को इसकी जानकारी दी.
आरबीआई ने कहा कि पीपुल्स को-ऑपरेटिव सहकारी बैंक से किसी जमाकर्ता को राशि की निकासी करने की भी सुविधा फिलहाल नहीं मिलेगी. आरबीआई की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 10 जून को व्यवसाय बंद होने के बाद, बैंक रिजर्व बैंक की लिखित अनुमति के बिना कोई नया कर्ज देने या पुराने बकाये को रिन्यु नहीं कर सकेगा. इसके अलावा बैंक कोई नया निवेश नहीं कर सकेगा और न ही नया जमा स्वीकार कर सकेगा.
रिजर्व बैंक ने सहकारी बैंक के ऊपर किसी संपत्ति को बेचने, स्थानांतरित करने या उसका निपटान करने से रोक दिया है. रिजर्व बैंक ने कहा है कि विशेष रूप से, सभी बचत बैंक या चालू खाते या जमाकर्ता के किसी भी अन्य खाते में कुल शेष राशि को निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.
यह निर्देश 10 जून को कारोबार बंद होने के छह महीने बाद तक लागू रहेंगे और समीक्षा के अधीन होंगे. हालांकि रिजर्व बैंक ने यह स्पष्ट किया कि इस निर्देश को सहकारी बैंक के बैंकिंग लाइसेंस को रद्द करने के रूप में नहीं लिया जाना चाहिये. बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग व्यवसाय करना जारी रखेगा.