• महाप्रबन्धक दिनेश कुमार सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया शुभारम्भ
• कला समिति मुख्यालय गोरखपुर की नाट्य टीम ने प्रस्तुत किया ‘मै सुगन्धी‘ नाटक
• लखनऊ मण्डल की टीम ने मंचित किया ‘मुठ्ठी में गोश्त‘ नामक नाटक
• लखनऊ मण्डल की टीम को प्रथम, गोरखपुर की टीम को मिला द्वितीय स्थान
गोरखपुर। पूर्वोत्तर रेलवे राजभाषा विभाग के तत्त्वावधान में 3 अगस्त, 2023 को रेलवे आडिटोरियम गोरखपुर में “क्षेत्रीय रेलवे हिन्दी नाटक प्रतियोगिता-2023” का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ अपर महाप्रबन्धक दिनेश कुमार सिंह द्वारा प्रमुख विभागाध्यक्षों एवं वरिष्ठ रेल अधिकारियों के साथ माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
प्रतियोगिता में टास जीतकर पूर्वोत्तर रेलवे कला समिति मुख्यालय गोरखपुर की नाट्य टीम ने पहले ‘मै सुगन्धी’ तथा उसके बाद लखनऊ मण्डल की टीम ने ‘मुठ्ठी में गोश्त‘ नाटक का मंचन किया। इस हिन्दी नाटक प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल के आमंत्रित सदस्य के रूप में वरिष्ठ रंगकर्मी एवं पत्रकार डा मुमताज खान एवं पूर्व प्रोफेसर पीजी कालेज, बलिया डा आद्या प्रसाद द्विवेदी उपस्थित थे। इस नाटक प्रतियोगिता में हुई कांटे की प्रतिस्पर्धा में 150 अंक प्राप्त कर लखनऊ मण्डल की टीम ने प्रथम स्थान एवं 149 अंक प्राप्त कर मुख्यालय गोरखपुर की टीम ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये अपर महाप्रबन्धक दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि राजभाषा विभाग द्वारा इस हिन्दी नाटक प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इसके माध्यम से रेल के कलाकारों को अपनी कला के प्रदर्शन का अवसर मिला है तथा नाटक के माध्यम से जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओं एवं समाज की समस्याओं का आदर्शवादी दृष्टिकोण रखने का प्रयास किया गया है। पूर्वोत्तर रेलवे में बहुआयामी प्रतिभा वाले कर्मियों की कमी नहीं है, आवश्यकता है इन्हें अवसर प्रदान करने की।
श्री सिंह ने कहा कि नाटक भी चलता-फिरता थियेटर है, जिसका उद्देश्य न केवल स्वस्थ मनोरंजन करना है, बल्कि तत्कालीन समाज का जीवन चित्रण भी है। उन्होंने कहा कि राजभाषा हिन्दी का प्रचार-प्रसार बढ़ाना हमारा संवैधानिक एवं नैतिक दायित्व है। इस कार्य में हमारे रेलकर्मी रंगमंच के माध्यम से नाट्य साहित्य में अपना योगदान दे रहे हैं।
इस तरह के आयोजन से रेलकर्मियों में राजभाषा हिन्दी में काम करने में रूचि बढ़ेगी। श्री सिंह ने आशा व्यक्त करते हुये कहा कि आज की विजेता नाट्य टीम अखिल भारतीय रेल हिन्दी नाट्योत्सव में भी बेहतर प्रदर्शन कर पूर्वोत्तर रेलवे का नाम ऊंचा करेगी।
मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं प्रमुख मुख्य परिचालन प्रबन्धक संजय त्रिपाठी ने सभी का स्वागत करते हुये कहा कि रेलवे बोर्ड द्वारा प्रतिवर्ष अखिल रेल हिन्दी नाट्योत्सव का आयोजन किया जाता है, जिसमें क्षेत्रीय रेल इकाईयों की नाट्य टीमें भाग लेती हैं। इसके पूर्व क्षेत्रीय स्तर पर हिन्दी नाटक प्रतियोगितायें आयोजित की जाती हैं।
उन्होंने कहा कि भारतीय साहित्य में नाटकों की सृदृढ़ परम्परा रही है। एक कुशल रंगकर्मी अपनी अभिनय कला से न केवल समाज का मनोरंजन करता है अपितु सामाजिक कुरीतियों एवं विरोधाभाषों पर कुठाराघात करते हुये समाज को नई सोच एवं दिशा प्रदान करता है। आज के समाज के नाट्क रंगमंच तक सीमित नही है। यह रंगमंच से नुक्कड़ नाटकों, फिल्मों, रेडियो नाटकों और दूरदर्शन पर धारावाहिकों के रूप में देखा जाता है।
पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय की टीम के मोहम्मद आसिफ जहीद एवं सुश्री मीरा सिकदर ने ‘मैं सुगन्धी‘ नामक नाटक में मुख्य किरदार अदा किया। लखनऊ मण्डल द्वारा मंचित नाटक ‘मुट्ठी में गोश्त‘ में कृष्ण चन्द चौबे ने निर्देशक एवं गिरीश चन्द्र पाण्डेय ने लेखक के रूप में नाटक में जान डालने का सार्थक प्रयास किया। इन नाटकों में मंडल एवं मुख्यालय के रेलकर्मियों ने अपने-अपने किरदार बखूबी निभाये।
नाटक प्रतियोगिता के प्रथम एवं द्वितीय स्थान पर रहने वाले टीम की निर्णायक मंडल की घोषणा उप मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं स्टेशन निदेशक गोरखपुर जेपी सिंह ने किया। कार्यक्रम का संचालन अनामिका सिंह, वरिष्ठ अनुवादक ने तथा धन्यवाद ज्ञापन राजभाषा अधिकारी, मोहम्मद अर्शद मिर्जा ने किया। इस नाटक प्रतियोगिता के आयोजन में प्रमुख मुख्य विभागाध्यक्ष, वरिष्ठ रेल अधिकारी एवं भारी संख्या में रेलकर्मी उपस्थित थे।
रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी