देश में कारोबारियों को कर्ज देने की नई व्यवस्था शुरू होने जा रही है. अब उन्हें उनकी ऑर्डर-बुक के आधार पर कर्ज दिया जा सकेगा. सरकारी ई-मार्केटप्लेस पोर्टल पर पंजीकृत कारोबारियों को ऑर्डर मिलने के साथ ही तुरंत बिना गारंटी कर्ज मिल जाया करेगा.
जानकारी के अनुसार छोटे और मझोले कारोबारियों की कामकाजी जरूरत में मददगार इस पूंजी के मिलने की शुरुआत इसी महीने के आखिरी हफ्ते में हो जाएगी. इसके लिए दो तरह के इंतजाम किए गए हैं. एक तो कारोबारी को उसके खरीदार की इजाजत के बाद कर्ज स्वीकृत कर रकम को उसके बैंक खाते में भेजा जाएगा. साथ ही इस लंबी प्रक्रिया के बिना अगर कारोबारी चाहें तो खरीदार की मंजूरी के बिना भी सिर्फ ऑर्डर स्वीकार कर लिए जाने पर भी कर्ज मिल जाया करेगा.
जीईएम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तल्लीन कुमार ने बताया कि इसके लिए कारोबारी को बैंक जाने की जरूरत नहीं होगी. जीईएम पोर्टल में 90 दिनों के कारोबारी लेन-देन का इतिहास उपलब्ध रहेगा. यह जानकारी सिस्टम के जरिए बैंकों के पास तभी जाएगी, जब कारोबारी अपनी रकम की जरूरत की इच्छा जाहिर करेगा.
उनके मुताबिक कर्ज लेने की इच्छा जाहिर करने के बाद ही उसे अलग-अलग बैंकिंग क्लस्टर्स से ऑर्डर बुक के आधार पर ही मिल सकने वाली रकम और उस पर लगने वाले ब्याज की जानकारी तकनीक के जरिए पांच मिनट के भीतर ही मिल जाया करेगी जिसे कारोबारी अपनी जरूरत के मुताबिक इस्तेमाल कर सकता है. ये कर्ज की रकम तुरंत कारोबारी के खाते में पहुंचाने की नई व्यवस्था इसी महीने के आखिर तक शुरू करने की तैयारी है.
तल्लीन कुमार ने ये भी बताया है कि इसमें वित्तीय तकनीक का व्यापक इस्तेमाल किया गया है जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ब्लॉकचेन तकनीक को भी जोड़ा गया है. उनके मुताबिक इस प्लेटफॉर्म पर सभी सराकारी विभाग कंपनियां ही ग्राहक होती हैं, ऐसे में पेमेंट फंसने की गुंजाइश नहीं होगी, जिससे कर्ज सस्ता रहने की उम्मीद है. यही नहीं वित्तीय सहायता मुहैया कराने वाले बैंकों की रकम डूबने का भी खतरा नहीं रहेगा.
जीईएम पोर्टल के वित्तीय तकनीक समाधान के लिए सहाय प्लेटफॉर्म के साथ भी करार किया गया है. इसकी तकनीकी जांच पर काम शुरू कर दिया गया है. कर्ज देने के लिए इस प्लेटफॉर्म के साथ भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआआई, एचडीएफसी और एक्सिस बैंक जुड़ चुके हैं. साथ ही बजाज फिनसर्व जैसे गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थान भी कर्ज मुहैया कराने का काम करेंगे. आने वाले दिनों में इसका दायरा और व्यापक किया जाएगा.
अब तक जीईएम पोटज़्ल के जरिए देश भर में 46000 सरकारी विभाग खरीदारी कर चुके हैं. इसमें 60 हजार करोड़ रुपए के 42.6 लाख ऑर्डर पूरे किए गए हैं. यही नहीं देश भर के करीब 4.25 कारोबारी इस पोर्टल के जरिए सामान बेचते हैं.