लखनऊ। सीएमएस कानपुर रोड ऑडिटोरियम में आयोजित किए जा रहे तीन दिवसीय इण्टरनेशनल इण्टरफेथ कान्फ्रेन्स के दूसरे दिन का उद्घाटन डा दिनेश शर्मा (पूर्व उप-मुख्यमंत्री) ने दीप प्रज्वलित कर किया। जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में सुधांशु त्रिवेदी (राज्यसभा सदस्य एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता, भाजपा) एवं प्रभु चावला (वरिष्ठ पत्रकार) की उपस्थिति ने समारोह की गरिमा को बढ़ाया।
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इस अवसर पर अपने संबोधन में डा दिनेश शर्मा ने कहा कि दुनिया में धर्म का विशिष्ट स्थान है और यह शान्ति व एकता स्थापित करने के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ऐसे सम्मेलनों का आयोजन अधिक से अधिक होना चाहिए। विदित हो कि इस तीन दिवसीय ‘इण्टरनेशनल इण्टरफेथ कान्फ्रेन्स’ में देश-विदेश के जाने-माने विद्वान, सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षाविद्, न्यायविद् व विभिन्न धर्मों के धर्माचार्य प्रतिभाग कर रहे हैं। यह अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन ‘यूनिटी ऑफ थॉट अमंग रिलीजन: फॉर ए बेटर वर्ल्ड’ थीम पर आयोजित है।
सम्मेलन के दूसरे दिन के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए विशिष्ट अतिथि सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि विभिन्न धर्मों में आपसी सद्भाव व भाईचारा ही हमारी संस्कृति रही है। विकास की गति समाज के विभिन्न धर्मों के बीच शान्तिपूर्ण वार्तालाप से आगे बढ़ सकती है। वरिष्ठ पत्रकार एवं द न्यू इण्डियन एक्सप्रेस के एडीटोरियल डायरेक्टर प्रभु चावला ने अपने संबोधन में कहा कि विविधता में एकता ही हम भारतीयों की पहचान है, जिसने हमें विश्व का सर्वाधिक सशक्त लोकतंत्र बनाया है।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस प्रकार के सम्मेलन हर गली-मोहल्ले में होने चाहिए। न्यायमूर्ति डा आदिल ओमर शरीफ़, डेप्युटी चीफ जस्टिस, सुप्रीम कन्स्टीटूयशनल कोर्ट ऑफ इजिप्ट ने कहा कि यह सम्मेलन डा जगदीश गांधी की व्यापक सोच व दूरदर्शिता को दर्शाता है, जो भावी पीढ़ी को एकता व शान्ति का अग्रदूत बनायेगा।
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इससे पहले, सीएमएस संस्थापक डा जगदीश गांधी ने देश-विदेश से पधारी प्रख्यात हस्तियों का हार्दिक स्वागत अभिनंदन करते हुए कहा कि शिक्षा का उद्देश्व व महत्व तभी है जब समाज में भाईचारे की भावना प्रवाहित हो। हमें बच्चों को अच्छे कार्यों के लिए प्रोत्साहित तथा सशक्त बनाते रहना चाहिये, इससे चरित्रवान समाज का निर्माण होगा और शान्ति तथा एकता की स्थापना होगी।
सीएमएस प्रेसीडेन्ट प्रो गीता गांधी किंगडन ने कहा कि शिक्षा ही वह एकमात्र मार्ग है जिस पर चलकर समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर किया जा सकता है। इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन आज अलग-अलग पैनल डिस्कशन के माध्यम से विभिन्न सामाजिक मुद्दों जैसे धार्मिक समन्वय के आधार पर जलवायु परिवर्तन, सामाजिक न्याय, शिक्षा, लिंगभेद, धार्मिक समन्वय में मीडिया की भूमिका आदि विभिन्न विषयों पर सारगर्भित परिचर्चा सम्पन्न हुई।
पहला पैनल डिस्कशन ‘रिलीजन एण्ड कान्लिक्ट’ विषय आयोजित हुआ। जिसमें भृगपीठाधीश्वर गोस्वामी सुशील, मौलाना डा सैयद कल्बे जवाद नकवी, मुअज्जम नाइक एवं रब्बी ईजेकील इसाक मालेकर ने अपने विचार रखे। ‘रिलीजन, जेण्डर एण्ड एजूकेशन’ विषय पर आयोजित एक अन्य पैनल सेशन में हजरत सैयद नसीरूद्दीन चिश्ती, ललिथा कुमारमंगलम, वरिष्ठ बीजेपी नेता एवं फादर सेबेस्टियन कोलीथानम ने अपने विचार व्यक्त किये। इस पैनल सेशन का संचालन वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव ने किया।
इसी प्रकार, ‘रिलीजन, द क्लाइमेट क्राइसेस एण्ड सस्टेनबल डेवलपमेन्ट’, ‘रोल ऑफ मीडिया एण्ड पार्लियामेन्टेरियन्स इन इण्टरफेथ डायलॉग’ एवं ‘द रोल ऑफ ज्यूडिशियल एण्ड लीगल ट्रेडीशन्स इन इन्हैन्सिंग इण्टरफेथ डायलॉग’ आदि विषयों पर आयोजित पैनल डिस्कशन में कई प्रख्यात हस्तियों ने अपने सारगर्भित विचारों से धर्म के नवीन आयामों का उद्घाटित किया। इण्टरनेशनल इन्टरफेथ सम्मेलन के अन्तर्गत विद्वजनों की परिचर्चा का दौर कल 16 जुलाई को भी जारी रहेगा एवं इसके उपरान्त अपरान्हः सत्र में समापन समारोह का आयोजन किया जायेगा।