अयोध्या। अयोध्या हार का बदला भाजपा ने मिल्कीपुर जीत कर ले लिया। 8 साल बाद सपा से मिल्कीपुर विधानसभा छीन लिया। भाजपा ने मिल्कीपुर में अब तक की सबसे बड़ी जीत दर्ज की। भाजपा प्रत्याशी चंदभानु पासवान ने सपा प्रत्याशी अजीत प्रसाद को 61 हजार 540 वोट से हराया।
यह इस सीट के इतिहास की सबसे बड़ी जीत है। इससे पहले, 2012 में 39,237 वोट से अवधेश प्रसाद जीते थे। उपचुनाव में चंद्रभानु पासवान को 1,46,397 जबकि अजीत प्रसाद को 84,687वोट मिले। सपा प्रत्याशी और अयोध्या सांसद के बेटे अजीत प्रसाद अपने ही बूथ से हार गए। लोकसभा चुनाव में मिल्कीपुर विधानसभा में भाजपा को सपा से 7 हजार वोट कम मिले थे। 8 महीने में ही भाजपा ने बाजी पलट दी।
तीसरे नंबर पर आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशी सूरज चौधरी रहे हैं। उन्हें 5457 वोट मिले हैं। मिल्कीपुर में भाजपा पहले राउंड से ही बढ़त बनाए हुए थी। वह आखिर तक जारी रही। एक भी बार सपा आगे नहीं निकल पाई। अखिलेश यादव ने मिल्कीपुर रिजल्ट पर कहा- ये भाजपा की झूठी जीत है। जिसका जश्न भाजपाई आंखों-में-आंखें डालकर नहीं मना पाएंगे। जिन अफसरों ने घपलेबाजी की, वो सजा पाएंगे। न कुदरत उन्हें बख्शेगी न कानून।
वहीं, अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद और उनके बेटे अजीत प्रसाद घर से नहीं निकले। घर पर ही न्यूज एजेंसी से बातचीत में अवधेश प्रसाद ने कहा- भाजपा ने बेईमानी का रिकॉर्ड तोड़ दिया। उनके गुंडों ने बूथ कैप्चरिंग की। मिल्कीपुर से अवधेश प्रसाद सपा विधायक थे। 2024 लोकसभा चुनाव में सपा ने उन्हें लोकसभा चुनाव लड़वाया। वह अयोध्या (फैजाबाद) से सांसद बन गए। तब से यह सीट खाली थी।
मिल्कीपुर में उपचुनाव नवंबर में होने थे, लेकिन भाजपा नेता गोरखनाथ ने अवधेश प्रसाद के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर रखी थी। इसमें उनका नामांकन रद्द करने की मांग की थी। हालांकि, बाद में बाबा ने याचिका वापस ले ली थी।
रिपोर्ट-जय प्रकाश सिंह