सावन का महीना
बंजर धरती पर जब हरियाली लहराये।
उदास सूना-सूना दिल भी खिल-खिल जाये।
उमड़-उमड़ के बादल गरजने लग जाये।
जब सावन का महीना झूम-झूम कर आये।।कलियाँ फूल बने उनपर भँवरे मंडरायें।
रिमझिम बरखा में मोर नाचे, पपीहा गायें।
प्रकृति को देखकर हर्षित मन मुस्काये।
जब सावन का महीना झूम-झूम कर आये।।शिव की आराधना में अनुष्ठान करे जाये।
भक्त हर-हर महादेव के जयकारे लगाये।
कावड़ियाँ शिवलिंग का अभिषेक कराये।
जब सावन का महीना झूम-झूम कर आये।।वृक्षों की शाखाओं पर झूले पड़-पड़ जाये।
स्त्रियां चूड़ी पहने हाथों में मेहंदी लगवायें।
भाइयों की कलाई पर बहने राखी सजायें।
जब सावन का महीना झूम-झूम कर आये।।सोनल ओमर
Tags saavan ka maheena sawan ka mahina सावन का महीना सोनल ओमर
Check Also
विजयदान देथा साहित्य उत्सव: 10 सत्रों में 36 साहित्यकार लेंगे हिस्सा, कवि सम्मेलन और सांस्कृतिक प्रतुतियों ने लोगों का मोहा मन
जयपुर। राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) की बजट (2024—25) घोषणा के आलोक में जवाहर कला केन्द्र ...