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सर्व सिद्धिप्रदः कुंभ का संदेश

प्रयागराज कुंभ का भव्य दिव्य आयोजन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपलब्धियों में शामिल है। इसमें अनेक वैश्विक कीर्तिमान कायम हुए थे। सर्वाधिक संख्या में यहां स्नाननार्थी पहुंचे थे।

योगी आदित्यनाथ अपने सरकारी आवास पर प्रयागराज कुंभ-2019 पर केंद्रित पुस्तक प्रयागराज कुंभ का विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह पुस्तक शोधार्थियों व जिज्ञासुओं के लिए मील का पत्थर साबित होगी।

प्रयागराज कुंभ सामाजिक सद्भावना का भी प्रतीक बना। कुंभ की विरासत को सर्व सिद्धिप्रदः कुंभ: के संदेश के साथ प्रचारित किया गया। वर्तमान सरकार अपनी विरासत को संरक्षित करने के लिए कृतसंकल्पित है।

सरकार ने धार्मिक और आध्यात्मिक कलेवर के साथ कुम्भ के दौरान वैश्विक स्तर पर स्वच्छता,सुरक्षा व सुव्यवस्था का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया। योगी आदित्यनाथ के निमंत्रण पर पहली बार प्रवासी भारतीय सम्मेलन के प्रतिनिधि कुम्भ स्नान हेतु पहुंचे थे। यहां आकर यह सभी भाव विभोर थे। ये सभी प्रतिनिधि काशी में हुए प्रवासी सम्मेलन हेतु आये थे। प्रयागराज कुम्भ का इनका कार्यक्रम बाद में बनाया गया। इस बार प्रयागराज कुम्भ में तैयारियों के साथ आस्था का भी समावेश हुआ था। यह योगी की निजी आस्था के कारण संभव हुआ।

सरकारी मशीनरी ने भी इसी भावना से कार्य किया। पचास वर्षों में पहली बार तीर्थयात्रियों को इतना शुद्ध जल स्नान हेतु उपलब्ध हुआ। पहली बार तीर्थयात्री पौराणिक अक्षयवट और सरस्वती कूप के दर्शन का अवसर मिला। आस्था के जुड़ाव से पूरा माहौल ही बदल जाता है। इस अवसर के लिए प्रयागराज में सांस्कृतिक केन्द्र के कलाग्राम की स्थापना की गई थी। यहां चलो मन गंगा यमुना तीर कार्यक्रम ने लोगों को बहुत प्रभावित किया।

यूनेस्को ने कुम्भ को मानवता के अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की संज्ञा दी। योगी सरकार ने पौराणिक नाम प्रयागराज पुनःस्थापित किया। सरकार ने कुम्भ के अवसर पर अक्षयवट एवं सरस्वती कूप को श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु खोला। पहली बार सर्वाधिक संख्या में विशिष्ट विदेशी मेहमान कुम्भ में शामिल हुए।

प्रवासी सम्मेलन के प्रतिनिधियों के अलावा इकहत्तर देशों के राजदूत मेला क्षेत्र के भ्रमण हेतु आये थे। शुद्ध जल के लिये गंगोत्री से लेकर प्रयागराज तक गंदे नालों को गंगा में गिरने से रोका गया था। तीर्थयात्रियों की सुविधा हेतु पन्द्रह फ्लाईओवर अण्डर ब्रिज बने,दो सौ चौसठ सड़कों का चौड़ीकरण किया गया था। चौराहों का भी चौड़ीकरण और सौन्दर्यीकरण किया गया मेला क्षेत्र का एरिया पहले के मुकाबले बढ़ाया गया था।

बाइस पान्टून ब्रिज बनाए गए,करीब सवा लाख शौचालय बनाये गए, बीस हजार से ज्यादा डस्टबिन मेला क्षेत्र में रखे गए थे। दस हजार श्रद्धालुओं की क्षमता का गंगा पंडाल बनाया गया। चार सांस्कृतिक पंडाल बनाये गए। बीस हजार श्रद्धालुओं के मेला क्षेत्र में रुकने की व्यवस्था की गई थी।इसके अलावा तेरह सौ हेक्टेयर में चौरानवे पार्किंग स्थल बनाये गए थे। पहली बार पांच सौ से अधिक सांस्कृतिक कार्यक्रम पूरे मेला क्षेत्र में सम्पन्न हुए। पेंट माई सिटी में पन्द्रह लाख वर्ग फीट में दीवारें पेंट की गई थी।

स्वच्छ कुंभ और सुरक्षित कुंभ की थीम सफल रही। आठ घंटे तक हजारों विद्यर्थियो ने पेंटिंग बनाई थी। गिनीज विश्व बुक रिकार्ड कायम हुआ। दस हजार सफाई कर्मियों ने एकसाथ सफाई करके विश्व रिकॉर्ड बनाया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कुंभ में चौबीस करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान किया। इतनी बड़ी संख्या की निगरानी के लिए इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम स्थापित किया गया था। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का भी प्रयोग किया गया। प्रयागराज कुम्भ के दौरान प्रधानमंत्री ने सफाईकर्मियों के पांव पखारे थे। कुंभ अपनी अवस्थापना सुविधाओं के विकास एवं सुव्यवस्था के लिए पूरे विश्व में जाना गया। प्रत्येक टॉयलेट को सेप्टिक टैंक से जोड़ा गया था। जिससे दूषित पानी नदी में न जा सके।

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