नई दिल्ली। मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस रिटेल में निवेशकों का तांता लगा हुआ है। रिलायंस इंडस्ट्रीज की सहायक कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) में गुरूवार को पीआईएफ ने 2.04% इक्विटी के लिए 9,555 करोड़ रू के इंवेस्टमेंट की घोषणा की। सौदे में रिलायंस रिटेल की प्री-मनी इक्विटी को 4.587 लाख करोड़ रूपय आंका गया है। पिछले निवेशों की तुलना में प्री-मनी इक्विटी करीब 30 हजार करोड़ अधिक है।
रिलायंस रिटेल में निवेश का सिलसिला 9 सितंबर को सिल्वर लेक से शुरू हुआ था, उसके बाद केकेआर, जनरल अंटलांटिक, मुबाडला, जीआईसी, टीपीजी और एडीआईए जैसे वैश्विक निवेश फंड इंवेस्टमेंट कर चुके हैं। पीआईएफ की डील को मिला कर अब तक 9 इनवेस्टमेंट के जरिए रिलायंस रिटेल में 10% से अधिक की इक्विटी के लिए 47,265 हजार करोड़ से अधिक का निवेश हो चुका है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने सौदों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि “सऊदी अरब के साथ लंबे समय से हमारे संबंध हैं। पीआईएफ सऊदी अरब के आर्थिक विकास में अहम किरदार निभा रही है। मैं रिलायंस रिटेल में एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में पीआईएफ का स्वागत करता हूं। हम 130 करोड़ भारतीयों और लाखों छोटे व्यापारियों के जीवन को समृद्ध करने और रिटेल सेक्टर को बदलने की हमारी महत्वकांक्षी योजना के लिए पीआईएफ के निरंतर समर्थन की आशा करते हैं।”
रिलायंस रिटेल लिमिटेड के देश भर में फैले 12 हजार से ज्यादा स्टोर्स में सालाना करीब 64 करोड़ खरीददार आते हैं। यह भारत का सबसे बड़ा और सबसे तेजी से विकसित होने वाला रिटेल बिजनेस है। रिलायंस रिटेल के पास देश के सबसे लाभदायक रिटेल बिजनेस तमगा भी है। कंपनी खुदरा वैश्विक और घरेलू कंपनियों, छोटे उद्योगों, खुदरा व्यापारियों और किसानों का एक ऐसा तंत्र विकसित करना चाहती है, जिससे उपभोक्ताओं को किफायती मूल्य पर सेवा प्रदान की जा सके और लाखों रोजगार पैदा किए जा सकें।
रिलायंस रिटेल ने अपनी नई वाणिज्य रणनीति के तहत छोटे और असंगठित व्यापारियों का डिजिटलीकरण शुरू किया है। कंपनी का लक्ष्य 2 करोड़ व्यापारियों को इस नेटवर्क से जोड़ना है। यह नेटवर्क व्यापारियों को बेहतर टेक्नॉलोजी के साथ ग्राहकों को बेहतर मूल्य पर सेवाएं देने में सक्षम बनाएगा।