रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने यूक्रेन संकट के लिए अमेरिका को ज़िम्मेदार ठहराया है। लावरोव ने कहा कि यूक्रेन संकट के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका जिम्मेदार है क्योंकि अमेरिका आर्थिक और सैन्य-रणनीतिक दृष्टि से इससे सबसे बड़ा लाभ प्राप्त करना चाहता है।
लावरोव ने कहा कि अमेरिका सैन्य संघर्ष का मुख्य लाभार्थी है क्योंकि वह आर्थिक और सैन्य-रणनीतिक दृष्टि से इससे सबसे बड़ा लाभ प्राप्त करना चाहता है। उन्होंने कहा कि अमेरिका आने वाले वर्षों के लिए अपने रक्षा उद्योग के लिए आदेश देने की योजना बना रहा है, जिसने यूक्रेनी सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए सैन्य खर्च पर रोक लगा दी है। लावरोव ने कहा कि अमेरिका चाहता है कि रूस विरोधी गठबंधन के अन्य सदस्य भी ऐसा ही करें।
लावरोव ने कहा कि कीव वर्तमान में अमेरिका से सबसे उन्नत हथियार प्राप्त कर रहा है। इन हथियारों को अभी तक पश्चिमी देशों के सेनाओं को नहीं दिया गया है। ये कीव को इसलिए दिया जा रहा है ताकि अमेरिका ये देख सके कि ये हथियार युद्ध की स्थिति में कैसा प्रदर्शन करेंगे।
बता दें कि इस साल फरवरी से अब तक बाइडन सरकार ने यूक्रेन को सैन्य सहायत समेत 40 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की मदद की है, जो कई यूरोपीय देशों के सैन्य बजट के बराबर है। आने वाले वर्ष में परमाणु बयानबाजी के और अधिक आक्रामक होने की संभावना पर एक सवाल के जवाब में, लावरोव ने कहा, “वे गैर-जिम्मेदाराना बयान देते रहते हैं कि रूस यूक्रेन के खिलाफ परमाणु हथियारों का उपयोग करने वाला है, लेकिन हमारी ओर से ऐसा कोई बयान नहीं दिया गया है। हम बार-बार दोहराते रहे हैं कि परमाण युद्ध नहीं लड़ा जाना चाहिए।”
यूरोपीय संघ के साथ बिगड़ते संबंधों के बारे में बात करते हुए, लावरोव ने फिर से इसके लिए अमेरिका को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि यूरोपिय देशों को ऊर्जा पर रूस के साथ संवाद बनाए रखने पर अमेरिका ने रोक लगा दी। लावरोव ने कहा कि मॉस्को के पास कई अन्य देश हैं जो उनके साथ व्यापार करने के लिए तैयार हैं।