शिवसेना के नाम और चुनाव चिह्न को लेकर चल रही जंग में उद्धव ठाकरे गुट को सुप्रीम कोर्ट से भी झटका लगा है। उद्धव ठाकरे की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि चुनाव आयोग के फैसले का आधार लचर है। इस मामले में कोई अंतिम फैसला होने तक स्टे लगना चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के फैसले से गंभीर चिंता पैदा होती है।
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सिब्बल ने कहा कि आयोग ने विधायकों और सांसदों के बहुमत के आधार पर पार्टी के नाम और निशान का अधिकार शिंदे गुट को दे दिया, लेकिन यह आधार ठीक नहीं था। इसके लिए संगठन किसके साथ है, यह भी जानना चाहिए था। वहीं शिंदे गुट के वकील एनके कौल ने कहा कि यह अर्जी सुनवाई के योग्य नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मामले में उद्धव गुट सुप्रीम कोर्ट क्यों आया है। इस पर पहले हाई कोर्ट जाना चाहिए था।
शिवसेना के नाम और चुनाव चिह्न को लेकर चल रही जंग में उद्धव ठाकरे गुट को सुप्रीम कोर्ट से भी झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने एकनाथ शिंदे गुट को सिंबल और नाम का इस्तेमाल करने से रोकने की मांग को खारिज कर दिया है। फिलहाल अदालत ने दोनों पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अब दो सप्ताह के बाद इस मामले में सुनवाई की जाएगी।