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शिवराज सिंह चौहान ने की आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात , फिर अचानक बुलाई कैबिनेट बैठक

ध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से आठ महीने पहले क्या कोई बड़ा बदलाव होने जा रहा है? क्या यहां भी गुजरात का फॉर्मूला अपनाया जाएगा? मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात के बाद अचानक रविवार को कैबिनेट बैठक बुलाई है।

इसको लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया है। रविवार और शिवरात्रि के दिन बुलाई गई कैबिनेट बैठक सामान्य नहीं है और मंत्रियों की धड़कनें बढ़ चुकी हैं। बैठक क्यों बुलाई गई है और क्या होने वाला है, इसको लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाईं जा रही हैं। शिवराज की बुधवार को नागपुर में भागवत से 45 मिनट तक बंद दरवाजे में बातचीत हुई है।

सवाल उठ रहा है कि क्या चुनाव से ठीक पहले कैबिनेट में बदलाव या विस्तार होने जा रहा है? पार्टी सूत्रों का कहना है कि छुट्टी के दिन इस तरह कैबिनेट बैठक बुलाना सामान्य नहीं है।

सरकार के फैसलों के लिए आमतौर पर मंगलवार को या अन्य किसी कार्यदिवस पर बैठक बुलाई जाती है। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि भागवत और शिवराज की मुलाकात उमा भारती की ओर से चलाए जा रहे नशा विरोधी अभियान की वजह से हुई होगी। हालांकि, पार्टी के अधिकतर नेता इससे सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि आरएसएस प्रमुख आबकारी नीति को लेकर किसी मुख्यमंत्री से मुलाकत नहीं करेंगे।

बैठक में दोनों के बीच क्या बातचीत हुई, इसको लेकर कोई पुख्ता जानकारी सामने नहीं आई है। हालांकि, प्रदेश के भाजपा नेताओं का मानना है कि चुनाव से 8 महीने पहले आरएसएस प्रमुख के साथ बंद दरवाजा हुई मुलाकात सामान्य नहीं हो सकती है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘कुछ भी हो सकता है। 19 फरवरी कैबिनेट बैठक से पहले अगले दो दिन में कुछ और चीजें सामने आ सकती हैं।’मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि कैबिनेट के सभी सदस्य भोपाल में मौजूद रहेंगे और बैठक में शामिल होंगे।

 

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