Breaking News

जननेता को श्रद्धा सुमन

स्व. लाल जी टण्डन को अपने सामाजिक जीवन की प्रेरणा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से मिली थी। इसका निर्वाह उन्होंने आजीवन किया। इसी सामाजिक जीवन शैली ने उन्हें लोकप्रिय बनाया। दो वर्ष पहले उन्हें बिहार का राज्यपाल बनाया गया था। इसके बाद वह मध्यपदेश के राज्यपाल बने थे। इन दो वर्षों में इन दोनों प्रान्त के आमजन भी उनसे प्रभावित हुए थे। मध्य प्रदेश में उन्होंने आनन्दी बेन पटेल से पदभार ग्रहण किया था। आज लखनऊ में आनन्दी बेन पटेल ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।

कहा कि स्व. लालजी टण्डन शालीन, मृदुभाषी एवं जमीन से जुड़े हुए व्यक्ति थे। पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी वाजपेयी की लखनऊ सीट से चुनाव जीतकर सांसद बने तथा लखनऊ में उन्होंने अनेक विकास कार्यों को कराया। उन्हें राजनीति का लम्बा अनुभव था। राज्यपाल ने कहा कि श्री टण्डन के निधन से राजनीतिक जगत में अपूरणीय क्षति हुई है। आनन्दी बेन ने ठीक कहा कि उनको समाजसेवा का व्यापक अनुभव था। प्रत्येक दायित्व का उन्होंने बखूबी निर्वाह किया। वह दो बार पार्षद चुने गए और दो बार विधान परिषद के सदस्य रहे।

1978 से 1984 तक और 1990 से 96 तक लालजी टंडन दो बार उत्तर प्रदेश विधानपरिषद के सदस्य रहे। पहले 1991-92 की उत्तर प्रदेश सरकार में वह मंत्री भी रहे। 1996 से 2009 तक लगातार तीन बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। 1997 में वह नगर विकास मंत्री रहे। 2009 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के उत्तराधिकारी के रूप में उन्होंने लखनऊ से लोकसभा चुनाव लड़ा,इसमें वह बड़े अंतर से विजयी हुए। यह कार्यकाल पूरा करने के बाद वह चुनावी राजनीति से अलग हो गए थे। लेकिन समाजसेवा से अलग नहीं हुए। तब उत्तर प्रदेश में राम नाईक राज्यपाल थे। दोनों ही हम उम्र थे। अक्सर इनकी मुलाकात बात होती रहती थी। मुंबई में राम नाईक इनके निधन के समाचार सुनकर भावुक हुए। उनको याद किया। उनके प्रति शोक व्यक्त किया। कहा कि लखनऊ में वह मेरे मार्ग दर्शक मित्र थे।

वह जनसंघ और भाजपा की विकास यात्रा के स्तम्भ थे। उन्होंने लखनऊ राजभवन में उनके साथ अंतिम मुलाकात का चित्र भी जारी किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लोकसभा और उत्तर प्रदेश की राजनीति में उनके साथ काम करने का अवसर मिला। उन्होंने टण्डन जी को पुष्पांजलि अर्पित की। उत्तर प्रदेश में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया। विधानसभा अध्यक्ष स्व टण्डन जी को अपना अविभावक कहते थे। उन्होंने भी श्रद्धा के साथ उनका स्मरण किया। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ. दिनेश शर्मा सहित अनेक लोग उनको नमन करने पहुंचे।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लखनऊ से सांसद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह,राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र,भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा,मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री व बसपा अध्यक्ष मायावती और पूर्व मुख्यमंत्री व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित अनेक लोगों ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है।

रिपोर्ट-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

About Samar Saleel

Check Also

विश्वनाथ मंदिर में अब नहीं होगी मन्नत की हौद भराई, 580 लीटर दूध से भरा जाता था अरघा

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में अब हौद भराई पूजा पर रोक लगा दी गई है। ...