लखनऊ। बीते एक साल में सोशल मीडिया ने कुछ ऐसे अनाम चेहरों को स्टारडम दी है, जो लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी के लिये सिरदर्द साबित हो सकते हैं। नेहा यादव, पूजा शुक्ला, खजांची और रावण जैसे कई नाम हैं, जो पिछले एक साल में सोशल मीडिया पर सुपर स्टार बनकर उभरे हैं। इन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विरोध के प्रतीक के तौर पर देखा जा रहा है। आइये जानते हैं कौन हैं ये लोग।
सोशल मीडिया पर नेहा यादव
सोशल मीडिया पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को हरी झंडी दिखाने वाली इलाहाबाद की नेहा यादव सनसनी बनकर उभरी हैं। नेहा ने हाल ही अमित शाह को काला झंडा दिखाया था, जिसके बाद उन्हें पुलिस ने उनकी लाठियों से पिटाई की और बाल पकड़कर घसीटा भी था। नेहा की पिटाई का वीडियो वायरल होते ही, वह रातों-रात स्टार बन गईं। पुलिस हिरासत से रिहा होते ही समाजवादी पार्टी ने नेहा का जोरदार स्वागत किया। नेहा यादव समाजवादी पार्टी की युवा विंग से जुड़ीं हैं। वह इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से फूड टेक्नोलॉजी पर रिसर्च कर रही हैं। छात्रसंघ चुनाव में उनका अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। चर्चा है कि आगामी चुनावों में वह बीजेपी के खिलाफ सक्रिय भूमिका में दिख सकती हैं। फेसबुक पर नेहा यादव के 28 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। यहां संख्या पिछले एक साल में तेजी से बढ़ी है।
पूजा शुक्ला, उम्र 24 वर्ष
पूजा शुक्ला बीजेपी के लिये नया सिरदर्द साबित हो सकती हैं। लखनऊ यूनिवर्सिटी में पिछले वर्ष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को काला झंडा दिखाकर सुर्खियों में आईं पूजा शुक्ला इन दिनों सोशल मीडिया पर छाई हैं। हाल ही में लखनऊ यूनिवर्सिटी में दाखिला नहीं मिलने से नाराज पूजा शुक्ला विश्वविद्यालय में ही भूख हड़ताल पर बैठी थीं। उनका कहना था कि मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाने के कारण यूनिवर्सिटी ने एडमिशन देने से इनकार कर दिया था, जबकि उस वक्त उन्हें काला झंडा दिखाने के कारण 26 दिन जेल में गुजारना पड़ा था। पूजा शुक्ला समाजवादी पार्टी से भी जुड़ी हैं। उन्होंने स्टूडेंस्ट्स का सक्रिय ग्रुप भी बनाया हुआ है। सोशल मीडिया पर पूजा शुक्ला के समर्थन में बड़ी संख्या में लोग हैं। फेसबुक पर पूजा शुक्ला के करीब 37,835 फॉलोअर्स हैं।
चंद्रशेखर उर्फ रावण, उम्र 32 वर्ष
भीम आर्मी के चंद्रशेखर उर्फ रावण को सहारनपुर दंगों में उनकी कथित भूमिका के कारण जून 2017 में गिरफ्तार किया गया था। तब से वह रासुका की धाराओं में सहारनपुर जिला जेल में बंद हैं। हाईकोर्ट ने दलित नेता चंद्रशेखर की याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी है, जिसमें रावण ने अपनी नजरबंदी को चुनौती दी थी। शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में बंद दलित नेता से मिलना चाहते थे, लेकिन जिला प्रशासन से उन्हें अनुमति नहीं मिली। कहा गया कि इससे सहारनपुर में दलित और राजपूतों के बीच तनाव बढ़ सकता है। रावण भले ही जेल में बंद हैं, लेकिन सोशल मीडिया पर उन्हें खासी तवज्जो मिल रही है। आगामी लोकसभा चुनाव में उन्हें बीजेपी के लिये चुनौती माना जा रहा है। फेसबुक पर चंद्रशेखर रावण के नाम से कई पेज बने हैं, जिन पर अलग-अलग फॉलोअर्स हैं।
खजांची, उम्र 02 वर्ष
खजांची की उम्र भले ही 02 वर्ष है, लेकिन सोशल मीडिया पर उसे लाखों लोग पहचानते हैं। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नोटबंदी के दौरान बैंक की लाइन में पैदा हुए बच्चे का नाम खजांची रखा था। एक वर्ष का पूरा होने पर सपा प्रमुख ने उसका जन्मदिन भी मनाया। परिजनों को गिफ्ट भी दिया। अब यही मासूम खजांची मिशन 2019 की तैयारियों जुटे अखिलेश यादव की साइकिल यात्रा को हरी झंडी दिखायेगा। स्पष्ट है कि अखिलेश यादव खजांची के जरिये नोटबंदी को लक्ष्य कर आम चुनाव में बीजेपी की मुश्किलें बढ़ाने को तैयार हैं।