केंद्र सरकार द्वारा जारी किसान विरोधी तीन अध्यादेशों के खिलाफ कई किसान संगठन सड़कों पर उतर आए हैं. भारतीय किसान यूनियन से बड़ी संख्या में जुड़े किसान तीनों अध्यादेशों के खिलाफ बुधवार को संसद के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. भाकियू नेता गुरनाम सिंह का कहना है कि हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसान, विधेयकों के विरोध में संसद के बाहर धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.
सिर्फ किसान संगठन ही नहीं बल्कि मोदी सरकार के सहयोगी भी इसके विरोध में खड़े हो गए हैं. बताया जा रहा है कि पंजाब में बीजेपी की पुरानी सहयोगी शिरोमणि अकाली दल अध्यादेश पर खुश नहीं है. सूत्रों के मुताबिक, अकाली दल इस मसले पर बुधवार को विरोध में वोटिंग कर सकता है.
इससे पहले वाम दलों के सदस्यों ने मंगलवार को ‘किसान विरोधी नीतियों’ को वापस लेने की अपनी मांग को लेकर संसद परिसर में धरना दिया. वामपंथी सांसदों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास धरना दिया और वे अध्यादेशों के माध्यम से केंद्र द्वारा लाई गई ‘किसान विरोधी नीतियों’ को वापस लेने की मांग कर रहे थे.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा सोमवार को 3 विधेयक किसान उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, आवश्यक वस्तु (संशोधन) अध्यादेश, मूल्य आश्वासन तथा कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता अध्यादेश, 2020 पास किए हैं.
तीनों अध्यादेश आने के बाद से ही किसान लगातार इसका विरोध कर रहे हैं. अब इन्हें बिल के रूप में पेश किया गया है. सरकार जल्द ही इन बिल को पास कराने की तैयारी में है. लेकिन उसके अपने सहयोगी ही विरोध में खड़े होते दिख रहे हैं. पंजाब के अलग-अलग इलाकों में भी किसान सड़कों पर हैं. रोड जाम कर रहे हैं और अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं.