खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को बताया कि वह 10 सितंबर से पहले कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय पुरुष हॉकी टीम के साथ बैठक करेंगे ताकि 2028 लॉस एंजिल्स खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के प्रयासों के मद्देनजर भविष्य की योजना बना सकें। उन्होंने मंगलवार सुबह पेरिस से लौटने के बाद स्टार गोलकीपर पीआर श्रीजेश, डिफेंडर संजय, अमित रोहिदास और स्ट्राइकर अभिषेक को सम्मानित किया। मंडाविया ने कहा, ‘आप लोगों का प्रदर्शन शानदार रहा, हम स्वर्ण पदक नहीं जीत पाए, लेकिन हम इसके बहुत करीब पहुंच गए थे और सेमीफाइनल में हार के बाद जिस तरह से आपने प्रदर्शन किया, वह सराहनीय है।’
आगे की रणनीति बनाएंगे खेल मंत्री
उन्होंने कहा, ‘यह सफर का अंत नहीं है और मैं 10 सितंबर तक आपके साथ बैठकर भविष्य की रणनीति पर विचार करूंगा ताकि हम लॉस एंजिल्स से स्वर्ण पदक लेकर लौटें। मैं इस बारे में आपकी राय लूंगा कि इसे कैसे आगे बढ़ाया जाए और सरकार की ओर से आपको हर संभव सहायता प्रदान करने का प्रयास करूंगा।’
भारत के प्रदर्शन से संतुष्ट हैं खेल मंत्री
खेल मंत्री ने यह भी कहा कि भारतीय दल भले ही पिछले टोक्यो ओलंपिक के पदकों की बराबरी नहीं कर सका, लेकिन वह उनके प्रदर्शन से संतुष्ट हैं। टोक्यो में भारत ने एक स्वर्ण सहित सात पदक जीते थे लेकिन पेरिस में देश केवल छह पदक ही जीत सका जिसमें पांच कांस्य पदक और एक रजत पदक शामिल है। हालांकि, भारतीय खिलाड़ी सात स्पर्धाओं में पदक से चूककर चौथे स्थान पर रहे। उन्होंने कहा, ‘टोक्यो में हमने सात पदक जीते लेकिन पेरिस में हम छह ही पदक जीत पाए। सच्चाई यही है कि हम चौथे स्थान पर रहकर सात और पदक से चूक गए जो सराहनीय प्रदर्शन है।’
भारत 71वें स्थान पर रहा
भारत ने पेरिस ओलंपिक 2024 में छह पदक जरूर जीते, लेकिन देश का प्रदर्शन रैंक के मामले में 2016 रियो ओलंपिक से भी खराब रहा। भारत ने इस साल 117 खिलाड़ियों के दल को पेरिस भेजा था। यह संख्या बिल्कुल रियो ओलंपिक के बराबर की थी। हमने पदक जरूर रियो से ज्यादा जीते, लेकिन रैंक में काफी पिछड़ गए। भारत पेरिस में 71वें स्थान पर रहा। ओलंपिक में 24 साल बाद ऐसा हुआ जब भारत का रैंक 70 से नीचे पहुंचा हो। इससे पहले साल 2000 सिडनी ओलंपिक और 1996 अटलांटा ओलंपिक में भारत का रैंक 71वां रहा था। वहीं, रियो 2016 में भारत 67वें और 2004 एथेंस में भारत 65वें स्थान पर रहा था। भारत ने अब तक ओलंपिक में 10 स्वर्ण, 10 रजत और 21 कांस्य समेत कुल 41 पदक जीते हैं।