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बिधूना तहसील में स्टाम्प बेंडर ने खाया जहर, हायर सेंटर के लिए रेफर

• एक दिन पहले लाइसेंस निरस्त कराये जाने की मिली थी जानकारी

• एसडीएम पर लगाया प्रताड़ित करने का आरोप

• जहर खाने से पहले सोशल मीडिया पर वीडियो डाल जानकारी की साझा

औरैया/बिधूना। तहसील बिधूना के एक स्टाम्प वेंडर ने लाइसेंस निरस्त होने से संभावाना से आहत होकर तहसील परिसर में सल्फास (जहर) खा लिया। जिसके बाद उसे इलाज के लिए सीएचसी ले जाया गया जहां से उसे रिम्स सैंफई के लिए रेफर कर किया गया है।

स्टाम्प बेंडर ने खाया जहर

इससे दो घंटे पूर्व उसने फेसबुक पर एक वीडियो अपलोड कर उसका लाइसेंस निरस्त कराने के लिए एसडीएम बिधूना पर आरोप लगाया था। इससे पूर्व में स्टाम्प वेंडर का पहले एसडीएम के पेशकार से लाइसेंस रिन्यूवल के नाम पर पैसे के लेनदेन का विवाद हो चुका है। जिस मामले में स्टाम्प वेंडर के खिलाफ मुकदमा लिखा जा चुका था।

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कस्बा के मोहल्ला गांधीनगर नवीन बस्ती निवासी अनिल चौहान उर्फ जीतू दिव्यांग है, जिसका तहसील बिधूना में स्टाम्प वेंडर का लाइसेंस है। जीतू ने शुक्रवार की सुबह करीब 10 बजे फेसबुक पर दो वीडियो पोस्ट कर एसडीएम बिधूना में उत्पीड़न का आरोप लगाया।

स्टाम्प बेंडर ने खाया जहर

जिसके बाद दिन में करीब 12 बजे तहसील परिसर में सल्फास खा ली। जिसके बाद जीतू की हालत बिगड़ने लगी। इस बात की जानकारी होते ही एसडीएम ने उसे अपनी गाड़ी से इलाज के लिए तत्काल सीएचसी बिधूना भिजवाया। जहां पर डाक्टर ने प्राथमिक उपचार के बाद जीतू को गम्भीर हालत में रिम्स सैंफई के लिए रेफर कर दिया है।.

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फेसबुक पर वायरल दो वीडियो में कहा कि मैं अनिल चौहान तहसील बिधूना में स्टाम्प वेंडर हूं। मैंने तहसील बिधूना में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठायी। जिसमें पारिवारिक लाभ के साथ आवास घोटाला के खिलाफ प्रार्थना पत्र दिया था। जिसकी जांच हुई बाद में 7-8 लोगों के खिलाफ मुकदमा लिखा गया। जीतू ने कहा कि पीएम एवं सीएम की जीरो टॉलरेंस नीति के खिलाफ तहसील में एसडीएम का पेशकार आलोक अग्निहोत्री खुलेआम पैसा लिया करता था। कोई काम बिना पैसे के नहीं किया करता था।

स्टाम्प बेंडर ने खाया जहर

जिसमें मैंने आवाज उठाई, उसके वीडियो वायरल किये। जिसको लेकर एसडीएम लवगीत कौर मेरे खिलाफ हो गयीं। जिसके बाद मेरे लाइसेंस की निरस्त की एडीएम से संस्तुति कर दी गयी। एसडीएम ने मेरे उत्पीडन किया और मेरे खिलाफ एडीएम के यहां लिखकर भेज दिया कि मेरा लाइसेंस निरस्त कर दिया जाये। मेरे दो छोटे-छोटे बच्चे हैं। मेरी पत्नी भी दिव्यांग है। इसी से आहत होकर मैं आज इस दुनियां से जा रहा हूं। मैं सभी से कहकर जा रहा हूं कि एसडीएम कभी किसी दिव्यांग के साथ ऐसा न करे। उनकी बजह से मेरे बच्चे अनाथ व पत्नी विधवा हो रही है। सभी लोग मेरे परिवार का ध्यान रखें।

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दूसरे वीडियो में कहा कि ये सल्फासय मैं एसडीएम लवगीत कौर की वजह से खा रहा हूं, आपानी जान दे रहा हूं। क्योंकि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने का मतलब है कि मेरे खिलाफ मुकदमा और मुझे जेल भिजवाने का षड़यंत्र, मेरा लाइसेंस निरस्त कराने का षड़यंत्र।

बता दें कि 23 फरवरी को स्टाम्प वेंडर व एसडीएम के पेशकार के बीच एक रिन्यूवल में पैसे लेनदेन को लेकर न्यायालय परिसर में विवाद हुआ था। जिसके बाद पेशकार आलोक अग्निहोत्री ने स्टाम्प वेंडर अनिल चौहान के खिलाफ न्यायालय के अंदर सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने व अधिकारियों को गाली गालैज करने के आरोप में मुकदमा लिखाया था। जिस मामले में अनिल को जमानत करानी पड़ी थी। आरोप है कि जिसके बाद एसडीएम ने अनिल चौहान के स्टाम्प बेंडर लाइसेंस को निरस्त किये जाने हेतु एडीएम को पत्र लिख दिया था।

पिता ने लगाया आरोप

स्टाम्प वेंडर के पिता इन्द्रपाल सिंह ने बताया कि एसडीएम की रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने उनके बेटे अनिल चौहान का स्टाम्प बेंडर का लाइसेंस निरस्त कर दिया था। जिस कारण उसने तहसील परिसर में ही सल्फास खा ली है। उसकी हालत गम्भीर है।

घटना के सम्बंध में बोली एसडीएम

इस संबंध में उपजिलाधिकारी लवगीत कौर ने बताया कि सुबह हमारे स्टाफकर्मी ने बताया कि जीतू चैहान ने जहर खा लिया हैं, उल्टी कर रहे है। जिसके बाद मैंने तत्काल अपनी गाड़ी से उसे सीएचसी भिजवाया और तत्काल अच्छा उपचार कराने के लिए कहा। साथ ही कहा कि इलाज का जो भी विवरण आता है वो हमें बतायें। जीतू को बेहतर उपचार मिलना चाहिये। कहा कि जीतू से मेरी बात नहीं हो पाई है। क्योंकि सबसे पहले इलाज कराना जरूरी है।

स्टाम्प बेंडर ने खाया जहर

स्टाम्प बेंडर की हालत को लेकर बोले डाक्टर

डाक्टर अविचल पाण्डेय ने बताया कि अनिल चौहान नाम का एक मरीज को गम्भीर अवस्था में अस्पताल लाया गया था। जिसने कोई जहर खा लिया है। जिसका प्राथमिक उपचार करने के बाद रिम्स सैंफई के लिए रेफर कर दिया गया है। मरीज को लवकुश नाम का परिजन अस्पताल लेकर आया था।

रिपोर्ट – संदीप राठौर चुनमुन / राहुल तिवारी

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