अगर आप कम पैसे लगाकर कोई कोराबार शुरू करना चाहते हैं तो आज हम आपको एक खास बिजनेस आइडिया के बारे में बताने जा रहे हैं। इस बिजनेस को आप 30 हजार से भी कम रकम में शुरू कर सकते हैं और अच्छी कमाई कर सकते हैं।
इसमें खास बात यह है कि इस कारोबार के लिए आपको सरकार द्वारा 50 फीसदी तक सब्सिडी भी मिलेगी। जैसा कि हम जानते हैं आजकल मोती की खेती (Pearl farming) पर लोगों का फोकस तेजी से बढ़ा है। इसकी खेती करके कई लोग लखपति बन चुके हैं। तो आइए जानते हैं इस कारोबार को कैसे शुरू किया जा सकता है।
मोती की खेती के लिए किन चीजों की जरूरत होगी: मोती की खेती के लिए एक तालाब, सीप ( जिससे मोती तैयार होता है) और ट्रेनिंग, इन तीन चीजों की जरूरत होती है। तालाब चाहे तो आप खुद के खर्च पर खुदवा सकते हैं या सरकार 50% सब्सिडी देती है, उसका भी लाभ ले सकते हैं। सीप भारत के कई राज्यों में मिलते हैं। हालांकि दक्षिण भारत और बिहार के दरभंगा के सीप की क्वालिटी अच्छी होती है। इसकी ट्रेनिंग के लिए भी देश में कई संस्थान हैं। मध्यप्रदेश के होशंगाबाद और मुंबई से मोती की खेती की ट्रेनिंग ले सकते हैं।
जानें कैसे करें मोतियों की खेती
सबसे पहले सीपियों को एक जाल में बांधकर 10 से 15 दिनों के लिए तालाब में डाल दिया जाता है, ताकि वो अपने मुताबिक अपना एनवायरमेंट क्रिएट कर सकें। इसके बाद उन्हें बाहर निकालकर उनकी सर्जरी की जाती है। सर्जरी यानी सीप के अंदर एक पार्टिकल या सांचा डाला जाता है।इसी सांचे पर कोटिंग के बाद सीप लेयर बनाते हैं, जो आगे चलकर मोती बनता है।
25 हजार रुपये की लागत से शुरुआत
एक सीप के तैयार होने में 25 से 35 रुपये का खर्च आता है। जबकि तैयार होने के बाद एक सीप से दो मोती निकलते हैं, और एक मोती कम से कम 120 रुपये में बिकता है। अगर क्वालिटी अच्छी हुई तो 200 रुपये से भी ज्यादा कीमत मिल सकती है। अगर आप एक एकड़ के तालाब में 25 हजार सीपियां डालें तो इस पर करीब 8 लाख रुपये का खर्च आता है। मान लें कि तैयार होने के क्रम में कुछ सीप बर्बाद भी हो गए तो भी 50% से ज्यादा सीप सुरक्षित निकलते ही हैं। इससे आसानी से 30 लाख रुपये सालाना कमाई हो सकती है।