हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में जमीनी स्तर से राजनीतिक की सीढ़ी पर चढ़ने वाले कांग्रेस नेता सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने प्रदेश के 15वें मुख्यमंत्री बने हैं। रविवार को पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में हुए कार्यक्रम में उन्होंने सीएम पद की शपथ ली।
पहाड़ी राज्य में बनाया बड़ा नेटवर्क
गांधी परिवार के खास सुक्खू चार बार के विधायक और राज्य में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रमुख रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुक्खू को एक मिलनसार और स्वीकार्य नेता के रूप में जाना जाता है। पार्टी संगठन में लंबे समय तक रहने के कारण पहाड़ी राज्य में उनका एक विशाल नेटवर्क है। कई वर्षों तक सबसे पुरानी पार्टी से जुड़े रहने के कारण उनके पास राज्य में अच्छा संगठनात्मक अनुभव भी है।
पुरानी पेंशन योजना लागू करेंगे
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद उन्होंने कहा कि हमने 10 गारंटियां दी हैं और हम उन्हें लागू करेंगे। हम पारदर्शी और ईमानदार सरकार बनाएंगे। हम पहली कैबिनेट बैठक में ओपीएस (पुरानी पेंशन योजना) लागू करेंगे।
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छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रहे
सुक्खू एक मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वह अपने छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय थे और एनएसयूआई के उम्मीदवार के रूप में चुनाव भी लड़े थे। वह राज्य में एनएसयूआई और भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। उन्होंने शिमला नगर निगम के लिए चुनाव जीता। सुक्खू ने वर्ष 2003 में पहली बार नादौन से विधानसभा चुनाव जीता था।
पहाड़ों के निचले इलाके से शीर्ष पर पहुंचे
जानकारी के अनुसार, वह वर्ष 2013 से 2019 तक पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष रहे। सुक्खू हिमाचल प्रदेश में युवा कांग्रेस नेताओं को बढ़ावा देने और उनका भविष्य के लिए तैयार करने के पक्षधर रहे हैं। सुक्खू हिमाचल के निकले इलाके से शीर्ष पद पर आने वाले पहले कांग्रेसी सीएम हैं।
धूमल के बाद दूसरे ऐसे सीएम बने
सुक्ख विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस अभियान समिति के अध्यक्ष थे, जिसमें पार्टी ने स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया और वृद्धावस्था पेंशन योजना सहित आकर्षक वादे किए। बता दें कि भाजपा के प्रेम कुमार धूमल के बाद हमीरपुर जिले से दूसरे मुख्यमंत्री हैं। कांग्रेस ने राज्य में विधानसभा चुनाव में 40 सीटों पर जीत हासिल की।