अपने बच्चों को लेकर/छोड़कर चल देने वाले ये रिश्ते आखिर किस सुख की तलाश में भटक रहे हैं? क्या इस भटकन की कोई मंजिल है? नारी नारायणी मिथक पुरातन पड़ गया है। क्या हो गया चरित्र और नैतिकता को? मुझे ऐसा लगा पीढ़ी परिवर्तन है। क्या आदत की लाचार ये ...
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