प्रत्येक मौसम का अपना अलग रंग रूप होता है। उसकी अनुरूप बाहर आती है। बयार चलती है। कभी शीत लहरी। कभी गर्म हवा। इनकी तरह ही चुनावी मौसम का अपना अंदाज होता है। इसमें दलबदल की बयार चलती है। पतझड़ में पेड़ से पत्ते टूट कर जमीन पर बिखर जाते ...
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