भारत की मूल प्रवत्ति में लोकतंत्र का भाव सदैव रहा है। प्राचीन काल में भी राजा को नियमों के अनुरूप ही शासन संचालन करना होता था। उसको सुझाव देने के लिए सभा व समिति होती थी। इसके सदस्यों को राजा के समक्ष विरोध दर्ज करने का अधिकार था। इनसे यह ...
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