इस समय यह मांग आंदोलनकारियों की ज़ुबान पर है कि सरकार एम एस पी को कानून का रुप क्यों नहीं दे देती। किसान नेतृत्व के साथ साथ विपक्षी नेताओं एवं बुद्धिजीवियों द्वारा भी विषय को बिना समझे एवं उसके परिणामों का बिना आकलन किए सस्ती लोकप्रियता के लिए इस अव्यावहारिक ...
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