नं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः । न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः ॥ इसका मतलब है कि आत्मा को न तो किसी हथियार से काटा जा सकता है, न ही आग से जलाया जा सकता है, न ही पानी से भिगोया जा सकता है और न ही आत्मा को ...
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