ख़ाकी खून से ख़ाकी सनी हुई है सिर भी उसका फटा पड़ा है। एक हाथ से माथ दबाए माँ तेरा लाल डटा पड़ा है।। छोटी गुड़िया की शादी और पिता को लाठी की चिंता। खा रखी कसम संविधान की इसलिए पीछे नहीं हटा।। सर्द रात में घर पर बैठूं बच्चों ...
Read More »ख़ाकी खून से ख़ाकी सनी हुई है सिर भी उसका फटा पड़ा है। एक हाथ से माथ दबाए माँ तेरा लाल डटा पड़ा है।। छोटी गुड़िया की शादी और पिता को लाठी की चिंता। खा रखी कसम संविधान की इसलिए पीछे नहीं हटा।। सर्द रात में घर पर बैठूं बच्चों ...
Read More »