चतुरी चाचा बोले- लोग कोरोउना महाब्याधि का लैके सरकार कहियां गरियावत हयँ। मुला, खुद का नाइ द्याखत हयँ। लॉकडाउन खुलतय खन जनता ‘पाँखी’ केरी तना भरभराय क निकर परी हय। न कोऊ मुंह पय मास्क लगाय रहा। न कोऊ दुई गज केरी दूरी रखि रहा। शादी-ब्याह, मन्दिर-मस्जिद, हाट-बाजार सब कहूँ ...
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चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे सेचतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे से…तुम सब जने नेतन की तना आपस मा न भिड़ा करव
आज चतुरी चाचा अपने प्रपंच चबूतरे पर कुछ सुकून से बैठे थे। बड़को काकी व नदियारा भौजी उनको गांव के हालचाल बता रही थीं। मेरे पहुंचते ही बड़को काकी अपनी बहुरिया के साथ खेतों की तरफ रवाना हो गईं। चतुरी चाचा बोले- अब कोरोना का संक्रमण दर थोड़ा कम हुआ ...
Read More »चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे से…कोई कुछु कीन नाय चाहत, सब जने सरकार केरे भरोसे हैं
आज चतुरी चाचा अपने प्रपंच चबूतरे पर बड़े व्यथित मन से विराजे थे। चतुरी चाचा के साथ ककुवा, बड़के दद्दा, कासिम चचा व मुन्शीजी भी गमगीन मुद्रा में बैठे थे। मैं भी चुपचाप एक कुर्सी पर बैठ गया। प्रपंच चबूतरे पर काफी देर खमोशी छाई रही। अंततः चतुरी चाचा चुप्पी ...
Read More »चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे से…तीसरी लहर के लिए सरकार को अभी से तैयारी कर लेनी चाहिए
मैं आज प्रपंच चबूतरे पर थोड़ा देर से पहुंचा। चतुरी चाचा बीचोबीच चबूतरे पर विराजमान थे। चबूतरे के तीन तरफ दो-दो गज की दूरी पर कुर्सियां पड़ी थीं। इन कुर्सियों पर ककुवा, कासिम चचा, मुन्शीजी व बड़के दद्दा बैठे थे। वहीं, एक कोने में कुछ मॉस्क और सेनिटाइजर की शीशियां ...
Read More »चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे…केंद्र व राज्य सरकारों ने कोरोना को हल्के में लेने की भूल कर दी
आज चतुरी चाचा अपने चबूतरे पर बड़ी गम्भीर मुद्रा में बैठे थे। उनसे कुछ दूर पर कासिम चचा व मुन्शीजी बैठे थे। चबूतरे के पास पानी भरी बाल्टी, लोटिया व साबुन रखा था। चतुरी चाचा के सामने कुछ नए मॉस्क व सेनिटाइजर की शीशियां रखी थीं। मैं भी साबुन से ...
Read More »चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे से…यह समय न लापरवाही का है और न ही एक दूसरे पर दोषारोपण का!
मैं आज जब प्रपंच चबूतरे पर पहुंचा, तब ककुवा, मुन्शीजी, बड़के दद्दा व कासिम चचा आदि चतुरी चाचा के आसन से दो गज की दूरी पर बैठे थे। सब कोरोना महामारी के विकराल रूप से डरे-सहमे हुए थे। मेरे पहुँचते ही चतुरी चाचा बोले- बहुत कठिन दौर आ गया है। ...
Read More »चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे से…अब तौ गांवन मा खतरा मंडराय रहा
चतुरी चाचा आज अपने चबूतरे पर बड़ी गम्भीर मुद्रा में बैठे थे। चबूतरे के तीन तरफ दो-दो गज की दूरी पर कुर्सियां लगी थीं। एक कोने में बाल्टी में पानी, लोटा व साबुन रखा था। चबूतरे पर कुछ मॉस्क और सेनिटाइजर की एक बड़ी बोतल भी रखी थी। चबूतरे का ...
Read More »चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे से…तब तलक कोरोउना पीछा गहे रही!
चतुरी चाचा आज अपने प्रपंच चबूतरे पर गम्भीर मुद्रा में बैठे थे। उनसे थोड़ी दूर पर मुन्शीजी, कासिम चचा, ककुवा व बड़के दद्दा विराजमान थे। मेरे पहुंचते ही चतुरी चाचा बोले- कोरोना होली को बदरंग करने आ गया है। सब लोग होली के हुड़दंग से दूर रहिए। गीले रंगों से ...
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