लखनऊ। भारत में प्रत्येक 100 बच्चो पर 13 बच्चे मानसिक स्वस्थ्य से पीड़ित है, भारत में 57% लोगों को मानसिक स्वस्थ्य के बारे में जानकारी नहीं है। कोरोना के बाद हम सभी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने लगा है, जिसकी वजह से मृत्यु का दर भी बढ़ने लगा है। मानसिक स्वास्थय से सम्बंधित कई महतवपूर्ण जानकारियां छात्र छात्राओं को देते हुए बताया की भारत में इस मुद्दे पर लोग अभी भी खुल कर बात नहीं करते हैं, जिससे लोगो को जानकारी नहीं है की मानसिक स्वस्थ्य के बिगड़ने पर क्या किया जाना चाहिए एवं उसे कैसे डील करें।
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आप ने यह भी बताया की आज की युवाओं में स्तिरथा की कमी पाई गयी है। इसके निवारण के रूप में उन्होंने बताया की आज की पीढ़ी को “take 2 minutes to respond” को अपनाना चाहिए, ताकि कोई भी परेशानी आने पर युवा घबराए नहीं और 2 मिनट रुक कर उसपे विचार करें। मानसिक स्वस्थ्य का ध्यान रखते हुए टाइम मैनेजमेंट करने को बताया साथ ही अपने वर्तमान कार्य को ध्यान में रखते हुए अगले दिन की प्लानिंग करने को बताया।
उपरोक्त बाते डॉ राम मनोहर लोहिया इंस्टिट्यूट की मनोचिकित्सक डॉ. आकांक्षा शर्मा, ने मुख्य अतिथि के रूप में लखनऊ विश्वविद्यालय में 23 दिसम्बर को समाज कार्य विभाग एवं सिफ्प्सा के अंतर्गतसंचालित यूथ काउंसलिंग सेंटर द्वारा एनएसएस हॉल में आयोजित कार्यक्रम “प्रोमोटिंग मेंटल हेल्थ एंड वेल बीइंग अमंग यूथ” में व्यक्त की।
कार्यक्रम में प्रो. राकेश द्विवेदी, नोडल प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर, यूथ काउंसलिंग सेंटर एवं मुख्य कुलानुशासक लखनऊ विश्वविद्यालय ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए परियोजना के अंतर्गत चलाये जा रहे क्यू-क्लब के बारें में बताया और साथ ही यह भी बताया की जिस प्रकार हमारे आस पास का वातावरण हमारी व्यक्तित्व को प्रभावित करता है। उसी प्रकार युवाओं का व्यक्तित्व उनके मानसिक स्वास्थय को प्रभावित करता है और आपने यह भी बताया की नकारात्मक बातों को हटा कर हमें अपना ध्यान एवं मन सकारात्मक बातों एवं विचारों पर लगाना चाहिए। जब तक हमारे विचार सकारात्मक नहीं होंगे तब तक हमारा मानसिक स्वास्थय सकारात्मक नहीं होगा। हमें अपनी ताकत एवं कमजोरी पर ध्यान देते हुए उसे विकास की ओर ले जाना चाहिए।
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कार्यक्रम में उपस्थित छात्र छात्राओं द्वारा क्यू-क्लब का भ्रमण किया गया, जहा पर डॉक्टर आकांक्षा ने बच्चो से एक एक कर के बातचीत की, जिससे बच्चे बिना डरे और घबराए अपनी बात रख सकें और अपने मानसिक स्वास्थय के बारें में उनसे व्यक्तिगत रूप से चर्चा कर सकें। डॉक्टर आकांशा ने बच्चो से बातचीत करते हुए उनकी समस्याओं का समाधान दिया और अपनी मानसिक स्तिथि को सकारात्मक रखने की सलाह दी।
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कार्यक्रम का औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर मोहिनी गौतम, कार्यक्रम अधिकारी, राष्ट्रीय सेवा योजना, लखनऊ विश्वविद्यालय, द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के 65 छात्र छात्राओ ने भाग लिया।