माता-पिता पर दबाव नहीं बनाते थे एनगिडी
एनगिडी ने पीटीआई से कहा, ‘मुझे बचपन से ही पता था कि मेरे माता पिता अन्य परिवारों की तरह धनी नहीं है। मैंने उन पर कभी उन चीजों के लिए दबाव नहीं बनाया जो उनके सामर्थ्य से बाहर थी। प्रारम्भ में मुझे प्रयत्न करना पड़ा लेकिन कई लोग थे जिन्होंने मेरी मदद की क्योंकि मेरे माता-पिता किट्स व अन्य चीजें नहीं खरीद सकते थे। ’
रंगभेद नीति की खत्म के बाद जन्मे हैं एनगिडी व रबाडा
एनगिडी व कगिसो रबाडा (Kagiso Rabada) अश्वेत अफ्रीकी हैं जिनका जन्म रंगभेद की नीति खत्म होने के बाद हुआ। हालांकि एनगिडी से उलट रबाडा का परिवार वित्तीय तौर पर मजबूत था। ये दोनों ही आयु वर्ग की क्रिकेट से एक दूसरे के साथी रहे हैं व अब राष्ट्रीय टीम में हैं। रबाडा खुद को स्टार खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर चुके हैं।
एनगिडी ने कहा, ‘मैं व केजी (रबाडा) स्कूली क्रिकेट में साथ में खेले हैं। वहां से निकलकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर साथ में खेलना शानदार है। हम एक दूसरे को अच्छी तरह से समझते हैं व इस संबंध से मैदान पर चीजें सरल हो जाती हैं। ’
‘मैदान पर उतरने के बाद सब समान’
वित्तीय स्थिति कभी उनकी दोस्ती में आड़े नहीं आई। एनगिडी ने कहा, ‘एक बार आप जब क्रिकेट मैदान पर उतर जाते हो तो सभी समान होते हैं। तब केवल आपकी प्रतिभा अर्थ रखती है। आपको बल्ला या गेंद कैसे पकड़ना है इसमें आपकी वित्तीय स्थिति की कोई किरदार नहीं होती है। मेरे लिए क्रिकेट को चाहने की यह एक वजह रही। ’