
कार्यक्रम का शुभारंभ सौम्या गोयल, प्रवीन गौर, माधुरी सोनी व अन्य कलाकारों ने गणेश, शिव, काली, हनुमान और राम की होली प्रस्तुत कर किया। नृत्य गुरु निवेदिता भट्टाचार्य के निर्देशन में सुमन मिश्रा, मीहिका, अविका, विनीता मिश्रा, अथर्व श्रीवास्तव, आद्रिका मिश्रा, अव्युक्ता, गुनाश्री, संस्कृति और श्रीयादीप ने मनमोहक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस मौके पर रश्मि उपाध्याय ने “मोरे सैंया सनेहिया ना आये”, नीलम वर्मा ने “नन्दलाला मारे जायें केसर के फूलवा”, डॉ. उषा बाजपेयी ने “आज होली नये रंग की है”, अंजलि सिंह ने “मति मारो दृगन की चोट”, शशि सिंह ने “सिया निकसे अवधवा की ओर”, कुमकुम मिश्रा ने “मारो न मोहे पिचकारी”, रचना गुप्ता ने “नैकूं ठाढ़े रहो स्याम रंग डारुंगी” जैसे फाग गीत सुनाकर समां बांध दिया।
लोक संस्कृति शोध संस्थान ने आयोजित किया फागोत्सव
इसके अलावा नृत्यांगना ज्योति किरन रतन, गायिका सुमन पांडा और गायक एसपी साहू ने अपनी प्रस्तुतियों से कार्यक्रम को यादगार बना दिया। संयोजक ऋचा माथुर, संस्थान के अध्यक्ष जीतेश श्रीवास्तव व सचिव डॉ सुधा द्विवेदी ने सभी को गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक असित कुमार पांडा, आईएफएस रवींद्र एन, गीता रवि, राजनारायण वर्मा, समाजसेवी अनूप गुप्ता सहित कई लोग उपस्थित रहे।