अखरोट सिर्फ स्वाद की चीज नहीं है। यह उन बैक्टीरिया को बढ़ाने में भी कारगर हो सकता है, जो आपके पेट के लिए अच्छे होते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि इन ‘अच्छे’ बैक्टीरिया से दिल की सेहत बेहतर हो सकती है।
अमेरिका की पेन स्टेट यूनिवर्सिटी में शोधकर्ता क्रिस्टीना पीटरसन ने कहा, प्रमुख साक्ष्य बताते हैं कि आहार में छोटे-मोटे सुधार से स्वास्थ्य को बहुत लाभ होता है। पौष्टिक आहार के रूप में दिन में दो से तीन औंस अखरोट खाने से आंत की सेहत ठीक रहती है। यह हृदय रोग के जोखिम को कम करने का एक अच्छा उपाय हो सकता है।
एक अन्य शोध में पाया गया है कि हमारी पाचन प्रणाली में मौजूद बैक्टीरिया अर्थात गट माइक्रोबायोम में बदलाव से यह समझने में मदद मिल सकती है कि अखरोट से हृदय को क्या-क्या लाभ हो सकते हैं। शोधकर्ताओं ने यह नतीजा 42 लोगों का अध्ययन करने के बाद निकाला है।
ये लोग मोटापे से ग्रस्त थे और इनकी उम्र 30 से 65 साल के बीच थी। अध्ययन शुरू होने से पहले, इन लोगों को दो सप्ताह तक केवल औसत अमेरिकी आहार दिया गया। इसके बाद, हरेक प्रतिभागी को अध्ययन के लिए तय तीन तरह के आहारों में से कोई एक आहार अनियमित रूप से दिया गया। इन तीनों आहारों में पहले वाले आहार के मुकाबले संतृप्त वसा की मात्रा कम थी।
इन आहारों में एक ऐसा था जिसमें साबुत अखरोट शामिल थे। दूसरे में अखरोट की मात्रा के बराबर अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (एएलए) और पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड शामिल था, लेकिन अखरोट नहीं थे। तीसरे आहार में अखरोट में पाए जाने वाले एएलए की मात्रा के बराबर ओलेइक एसिड (एक और फैटी एसिड) को शामिल किया गया था, पर एक भी अखरोट शामिल नहीं किया गया था।
पीटरसन ने कहा, अखरोट ने गट बैक्टीरिया की तादाद बढ़ा दी, जो सेहतमंद बनाए रखने में सहायक होते हैं। इनमें से एक बैक्टीरिया था रोजेबुरिया, जो गट लाइनिंग को सुरक्षित रखने में भूमिका निभाता है। हमने यूबैक्टीरिया एलिगेंस और ब्यूटिरिककोकस में भी बढ़ोतरी देखी।
शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि अखरोट युक्त आहार खाने के बाद आंत के बैक्टीरिया में होने वाले बदलाव का हृदय रोग का जोखिम बढ़ाने वाले कारकों पर भी उल्लेखनीय प्रभाव पड़ा।