मेरे चबूतरे पर पहुंचते ही चतुरी चाचा ने बतकही शुरू कर दी। उनका कहना था कि योगी ने अपने काम के दम पर वापसी की है। अब तो योगी महाराज पूरे देश में ही नहीं, बल्कि विदेश में भी बुलडोजर बाबा के नाम से जाने जा रहे हैं। यूपी के मतदाताओं को यकीन है कि बाबा कानून-व्यवस्था को बहुत मजबूत रखेंगे।
- Published by- @MrAnshulGaurav
- Saturday, March 26, 2022
चतुरी चाचा ने प्रपंच का आगाज करते हुए कहा- बुलडोजर बाबा दुसरी दायँ गद्दी संभार लिहिन। यूपी क राजनीति म बाबा इतिहास रचि दिहिन। बताओ, यूपी म 37 साल बादि कौनव मुख्यमंत्री दुबारा लौटा हय। मोदी क्यार जादू अउ योगी क्यार बुलडोजर दुनव मिलिके भाजपा क यूपी म वापिस लय आये। सांच पुछव तौ जनता क योगी राज नीक लागि रहा। योगिव दुबारा गद्दी प बइठतय घोषणा कय दिहिन कि परदेस म 15 करोड़ गरीबन क तीन महीना अउर फ़्री राशन मिली। बाबा अन्न योजना क माध्यम ते जनता का बैना (रिटर्न गिफ्ट) वापस कय दिहिन। बाबा कानून व्यवस्था तौ ठीकय रखिहैं। बसि, योगी महाराज बेरोजगारी, मंहगाई अउ भ्र्ष्टाचार प काबू कय लेयं। विकास कार्यन म तेजी बनी रहय। योगी जौ युह सब कय लैगे तौ वर्ष 2024 क लोकसभा चुनाव म भाजपा फिरि अव्वल आयी। मोदी क तिसरी दायँ प्रधानमंत्री बनयत कोऊ रोक न पायी।
चतुरी चाचा आज अपने प्रपंच चबूतरे पर बड़े प्रसन्न मुद्रा में बैठे थे। वह योगीराज की शानदार वापसी से गदगद थे। चतुरी चाचा गलियारे से निकलने वाले हर आम-ओ-खास का मुंह मीठा करवा रहे थे। आज सुबह-सुबह कड़ी धूप निकली थी। लेकिन, हवा के ताजे झोंके गर्मी महसूस नहीं होने दे रहे थे। प्रपंच चबूतरे से थोड़ी दूर पर गांव के बच्चे लड्डू खाकर कबड्डी खेल रहे थे। पुरई पशुओं को चारा-पानी करने में मग्न थे। ककुवा, मुंशीजी, कासिम चचा व बड़के दद्दा मेरा इंतजार कर थे। मेरे चबूतरे पर पहुंचते ही चतुरी चाचा ने बतकही शुरू कर दी। उनका कहना था कि योगी ने अपने काम के दम पर वापसी की है। अब तो योगी महाराज पूरे देश में ही नहीं, बल्कि विदेश में भी बुलडोजर बाबा के नाम से जाने जा रहे हैं। यूपी के मतदाताओं को यकीन है कि बाबा कानून-व्यवस्था को बहुत मजबूत रखेंगे। योगी ने अपराधियों पर नकेल कस कर महिलाओं को अपना मुरीद बनाया है। अब मंहगाई, बेरोजगारी और भ्र्ष्टाचार के मोर्चे पर बाबा को सफल होना है।
ककुवा ने चतुरी चाचा की बात को आगे बढ़ाते हुए कहा- बाबा क जलुवा तौ 25 मार्च द्याखय वाला रहय भइय्या। बुलडोजर बाबा के इकाना स्टेडियम म घुसतय जनता बौराय गय रहय। बाबा केरे सपथ ग्रहन समारोह म 70-80 हजार अदमी रहय। बाबा सपथ ग्रहन केरे बहाने अपन ताकत द्याखय दिहिन। परधानमंत्री मोदिव अपनी कुर्सी त खड़े होइके योगी क बधाई दिहिन रहय। हम युह सब टीवी म द्याखा रहय। हमरे बड़के का वीआईपी पास मिला रहय। उई लौटिक हमका सारा हालु बतइन।
बाबा अबसिला कयू दिग्गजन ते कुर्सी छीन लिहिन। कयू नए-नवेलन का मंत्री बनाय दिहिन। नई सरकार म हर जाति अउ क्षेत्र क साधा गवा हय। योगी मंत्रिमंडल क देखिक यहै लागत हय कि भाजपा मिशन-24 केरी तैयारी अबहिन ते शुरू कय दिहिस। पिछली सरकार म निष्क्रिय रहे मन्त्रिन का पैदर कय दिहिन। महाराज नए लोगन प दांव लगाइन हय। अब आगे द्याखय वाली बाति यह होई कि इ नए मंत्री योगी क उम्मीदन प खरा उतरत हयँ की नाइ।
इसी बीच चंदू बिटिया परपंचियों के लिए जलपान लेकर आ गई। आज जलपान में गाजर का हलुवा था। सबने हलुवा व लड्डू खाकर घड़े का ठंडा पानी पीया। फिर कुल्हड़ वाली स्पेशल चाय के साथ चर्चा आगे बढ़ी।
बड़के दद्दा ने कहा- योगी आदित्यनाथ और बुलडोजर का जलवा पूरे देश में है। बुलडोजर कड़े शासन का प्रतीक बनता जा रहा है। उत्तर प्रदेश के बाद मध्यप्रदेश व बिहार सरकार ने भी अपराधियों को कुचलने के लिए बुलडोजर का सहारा लिया है। यूपी में पिछले पांच सालों में माफिया और अपराधियों की गैर कानूनी परिसंपत्तियों पर सरकारी बुलडोजर खूब चला। योगी राज के पार्ट-02 में भी बुलडोजर दौड़ाने की तैयारी है। यह बात योगी आदित्यनाथ खुद अपनी चुनावी सभाओं में अनेक बार कही थी। उन्होंने कहा था कि ‘यह जो थोड़ी-बहुत गर्मी दिखाई दे रही है। चुनाव के बाद सब शांत हो जाएगी। मैं तो मई-जून को भी शिमला बना देता हूँ।’ योगी के इस भाषण के बाद भाजपा का चुनावी अभियान पूरे रौ में आ गया था। अखिलेश यादव ने योगी को घेरने के लिए ‘बुलडोजर बाबा’ का सम्बोधन दिया। इसी के बाद बाबा की जनसभाओं में बुलडोजर भी आने लगे थे। योगी ने भी बुलडोजर को लपक लिया था। वह अपनी चुनावी सभाओं में बुलडोजर की चर्चा जरूर करते थे। इसी के साथ बुलडोजर सख्त शासन का प्रतीक बन गया।
मुंशीजी ने विषय परिवर्तन करते हुए कहा- मार्च महीने में अचानक भीषण गर्मी शुरू हो गई। सुबह से शाम तक बड़ी तीखी धूप खिली रहती है। साथ ही, गर्म पछुवा हवा चल रही है। इससे गेंहू की फसल समय से पहले ही पकने लगी है। असिंचित क्षेत्र में गेंहू की फसल सूखने लगी है। सिंचित क्षेत्रों में भी फसल को पानी देने वाला मौसम नहीं है। तेज पछुवा के कारण गेंहू के खेतों में सिंचाई नहीं की जा सकती है। क्योंकि, पानी लगने के बाद तेज हवाएं गेंहू की खड़ी फसल को खेत में गिरा देंगी। मेरे हरे-भरे गेंहू के खेत हफ्ते भर में ही पीले पड़ गए हैं। यदि यही मौसम बना रहा तो गेंहू के दाने पतले हो जाएंगे। फलस्वरूप, गेंहू का उत्पादन गिर जाएगा।
कासिम चचा ने बतकही को एक बार फिर राजनीतिक बनाते हुए कहा- इस बार बुलडोजर बाबा मनमानी नहीं कर पाएंगे। पिछली बार विपक्ष बेहद कमजोर था। लेकिन इस बार सपा तीन गुने ताकत से सदन में बैठेगी। अखिलेश यादव व आजम खां ने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया है। कल अखिलेश यादव को सपा विधायकों ने अपना नेता भी चुन लिया है। समाजवादी नेता और कार्यकर्ता योगी सरकार को सदन से लेकर सड़क तक घेरेंगे। भाजपा ने विधानसभा चुनाव को हिन्दू-मुस्लिम करके जीत लिया है। अब बीजेपी विधान परिषद चुनाव जीतने के लिए साम, दाम, दंड, भेद की नीति अपना रही है। भाजपा ने अपनी सरकार के दम पर अपने कई उम्मीदवारों को निर्विरोध जिता लिया है।
मैंने हर हफ्ते की तरह परपंचियों को कोरोना महामारी का अपडेट देते हुए बताया कि विश्व में अबतक करीब 48 करोड़ लोग कोरोना से पीड़ित हो चुके हैं। इनमें करीब साढ़े 61 लाख लोग बेमौत मारे जा चुके हैं। इसी तरह भारत में चार करोड़ 30 लाख 17 हजार से अधिक लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। देश में अबतक करीब पांच लाख 21 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में शत-प्रतिशत लोगों को कोरोना टीका लगाने का अभियान अंतिम चरण में है। देश में कोरोना योद्धाओं और बुजुर्गों को युद्ध स्तर पर बूस्टर डोज लगाई जा रही है। वहीं, 12 से 18 वर्ष आयु वाले बच्चों को कोरोना वैक्सीन दी जा रही है। भारत के टीकाकरण अभियान ने दुनिया के सामने एक उदाहरण पेश किया है। आजकल चीन में कोरोना का नया वैरिएंट ‘स्टील्थ’ आफत मचाए है। वहीं, भारत में अब कोरोना नियंत्रित है। पिछले 24 घण्टे में मात्र 1660 नए मरीज मिले हैं। बहरहाल, हमें कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए। तभी हम सब कोरोना महामारी से सुरक्षित रहेंगे।
अंत में चतुरी चाचा ने पश्चिम बंगाल के बीरभूमि में हुई राजनीतिक हिंसा में बच्चों-महिलाओं सहित आठ लोगों को जिंदा जलाए जाने को बड़ा दुःखद बताया। उन्होंने पिछले 32 दिनों से हो रहे रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी गहरी चिंता जताई। चतुरी चाचा ने कहा कि अमेरिका और उसके पिछलग्गू देश रूस-यूक्रेन युद्ध को भड़का रहे हैं। इस युद्ध से समूची दुनिया को नुकसान हो रहा है। साथ ही, तृतीय विश्व युद्ध का खतरा भी मंडरा रहा है। इसी के साथ आज का प्रपंच समाप्त हो गया। मैं अगले रविवार को चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे पर होने वाली बेबाक बतकही के साथ फिर हाजिर रहूँगा। तबतक के लिए पँचव राम-राम!