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पुरानी पेंशन बहाली पर राज्य कर्मचारियों के अध्यक्ष ने उठाए सवाल, केंद्र पर दबाव बनाने का दिया सुझाव

लखनऊ। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 23 फरवरी को अपने ट्विटर हैंडल पर यह जानकारी दी है कि 01 जनवरी 2004 के बाद, नियुक्त हुए सभी कार्मिकों के लिए राजस्थान सरकार, आगामी वर्ष यानी 2023 से पूर्व पेंशन योजना लागू करने जा रही है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कुछ सवालों के साथ केंद्र सरकार पर दबाव बनाने का प्रदेश सरकार को सुझाव भी दिया है।

पुरानी पेंशन लागू होते ही जो 10% अंशदान काटा गया, उसे बंद किया जाए- तिवारी

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी देते हुए कहा कि पूरे देश में नई पेंशन योजना ने जनवरी जनवरी, 2004 के बाद पुरानी पेंशन योजना का स्थान ले लिया है। पुरानी पेंशन की बहाली के साथ ही, तत्काल प्रभाव से कर्मचारियों का 10% का अंशदान काटा गया था। जेएन तिवारी ने इस पर कहा है कि बंद करने  की ज़िम्मेदारी भी प्रदेश सरकार की होगी।

शेयर मार्केट में लगा है कर्मचारियों का पैसा, क्या होगा उसका?

उन्होंने सवाल किया है कि इसके साथ जो 14 % का अंशदान सरकार ने कर्मचारियों के खाते में जमा कर दिया है, उस पैसे का क्या होगा? पुरानी पेंशन के स्थान पर नई पेंशन योजना पिछले 18 बरस से चल रही है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों का हज़ारों करोड़ रूपया शेयर मार्केट में लगा हुआ है। तिवारी ने सवाल करते हुए कहा है कि राजस्थान सरकार इसको वापस करने की कोई ठोस योजना लेकर भी आएगी या नहीं? इस बात का जिक्र भी घोषणा में किया जाना चाहिए था।

पुरानी पेंशन के कार्य काटे गए 10% अंशदान से तत्काल पूरा करे सरकार

तिवारी ने भविष्य को ध्यान में रखते हुए अपनी बात रखी है कि नई पेंशन योजना से रिटायर होने वाले कर्मचारी को पेंशन देने का प्रकरण 2042-43 में आएगा। अशोक गहलोत जानते हैं कि उस समय की परिस्थितियां क्या होंगी। उत्तरदायित्व निभाने के लिए शायद वह उस समय राजस्थान के मुख्यमंत्री होंगे या नहीं. कहा नहीं जा सकता? उन्होंने गहलोत सरकार से कहा है कि 2043 आने में अभी 20 वर्ष का समय बाकी है, लेकिन वर्तमान में. पुरानी पेंशन से संबंधित जो कार्य है, 10% काटे गए अंशदान की  ब्याज सहित वापसी, शेयर मार्केट में लगाए गए पैसे की वापसी ,यह कार्य तत्काल मुख्यमंत्री जी को करना है।

राजस्थान सरकार कहीं कर्मचारियों की पैरोटी समाप्त तो नहीं कर देगी?

कहीं ऐसा तो नहीं है कि राजस्थान सरकार कर्मचारियों की केंद्र से पैरोटी समाप्त करने पर विचार कर रही हो ? क्योंकि यदि केंद्र सरकार की नई पेंशन योजना से राजस्थान सरकार अपने कर्मचारियों को बाहर निकालती है, तो  राजस्थान सरकार के कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों के बराबर मिल रहे वेतन, भत्ते, 60 वर्ष की आयु पर सेवानिवृत्ति पर भी राजस्थान सरकार अलग से विचार कर सकती है ? कहीं ऐसा तो नहीं कि यह दूरगामी राजनीति का एक हिस्सा हो?

प्रदेश सरकारें केंद्र सरकार पर बनाएँ दबाव- तिवारी

जेएन तिवारी ने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन की मांग को दोहराते हुए यह कहा है कि पुरानी पेंशन कर्मचारियों को दिए जाने का एक ही रास्ता है कि प्रदेश सरकारें केंद्र सरकार पर दबाव बनाएं। अपनी विधानसभाओं से अपने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने का प्रस्ताव पारित कराकर केंद्र को भेजे और केंद्र सरकार कर्मचारियों के लिए नई पेंशन स्कीम से निकलने का विकल्प खोल दें।

क्योंकि पुरानी पेंशन के दायरे में असंगठित क्षेत्रों के वह मजदूर भी हैं जिनको किसी तरह की पेंशन नहीं मिल रही है ।पुरानी पेंशन योजना समाप्त कर दिए जाने से  देश के ऐसे करोड़ों मजदूरों का नुकसान होगा।  सरकारी कर्मचारियों को नई पेंशन योजना से निकलने का विकल्प देने की मांग राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के माध्यम से हमने पूर्व में भी प्रधानमंत्री से किया है।

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