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देश के विद्युत उपभोक्ताओं को पहली बार मिलेंंगे 10 अधिकार, सरकार ने तैयार किया मसौदा

केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने पहली बार देश के विभिन्न प्रदेशों के विद्युत उपभोक्ताओं के अधिकारों के लिए नियमों का मसौदा तैयार किया है. विद्युत क्षेत्र में बिजली उपभोक्ता सबसे महत्वपूर्ण हितधारक हैं. उनकी वजह से ही यह क्षेत्र मौजूद है.

देश के सभी नागरिकों को बिजली प्रदान करना और उपभोक्ता संतुष्टि पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है. इसके लिए प्रमुख सेवाओं की पहचान करना, इन सेवाओं के संबंध में न्यूनतम सेवा स्तर और मानकों को निर्धारित करना तथा उपभोक्ताओं के अधिकारों के रूप में उन्हें पहचानना अनिवार्य है.

विद्युत उपभोक्ताओं के अधिकार नियम, 2020 का एक मसौदा सरकार द्वारा पहली बार तैयार किया गया है. विद्युत मंत्रालय ने 30 सितंबर 2020 तक उपभोक्ताओं से सुझाव, विचार, टिप्पणी आमंत्रित की हैं. मंत्रालय ने इस संबंध में 9 सितंबर 2020 को यह मसौदा जारी किया था. आने वाले सभी सुझावों और प्रस्तावों को ध्यान में रखते हुए उन्हें अंतिम रूप दिया जाएगा.

बिजली उपभोक्ताओं को पहली बाद 10 अधिकार मिलेंगे, जिसमें सेवा की विश्वसनीयता के तहत बिजली वितरण कंपनियों डिस्कॉम के लिए प्रति वर्ष उपभोक्ताओं की औसत संख्या और आउटेज की अवधि तय करने के लिए राज्य विद्युत नियामक आयोग. कनेक्शन के लिए समय पर और सरलीकृत प्रक्रिया: 10 किलोवाट भार तक के विद्युत कनेक्शन के लिए केवल दो दस्तावेज और कनेक्शन देने में तेजी लाने के लिए 150 किलोवाट तक भार के लिए कोई अनुमानित मांग शुल्क नहीं.

नया कनेक्शन प्रदान करने और मौजूदा कनेक्शन को संशोधित करने की समय अवधि मेट्रो शहरों में अधिक से अधिक 7 दिन, अन्य नगरपालिका क्षेत्रों में 15 दिन तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 30 दिन से ज़्यादा नहीं होगी. साठ दिनों या अधिक की देरी के साथ सेवारत बिलों पर 2 से 5 प्रतिशत की छूट. नकद, चेक, डेबिट कार्ड और नेट बैंकिंग आदि से बकाया बिलों का भुगतान करने का विकल्प लेकिन 1000 रुपये या उससे अधिक के बिल का ऑनलाइन भुगतान किया जा सकता है. डिस्कनेक्शन, पुन: संयोजन, मीटर बदलवाना, बिलिंग और भुगतान आदि से संबंधित प्रावधान.

उपभोक्ताओं की उभरती हुई श्रेणी को पेशेवर के रूप में मान्यता देना. ये ऐसे व्यक्ति हैं जो बिजली उपभोक्ता तो हैं और साथ ही उन्होंने अपनी छतों पर सौर ऊर्जा इकाइयां स्थापित की हैं या पिर अपने सिंचाई पंपों को सोलराइज किया है. राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित सीमा तक कनेक्शन के एक ही बिंदु का उपयोग करके उन्हें स्व-उपयोग के लिए बिजली का उत्पादन करने का अधिकार होगा. साथ ही वे ग्रिड को शेष विद्युत की आपूर्ति भी कर सकते हैं. बिजली वितरण कंपनियों-डिस्कॉम द्वारा सेवा में देरी के लिए मुआवजा या दंड का प्रावधान, जहां तक संभव हो, मुआवजे का भुगतान बिल में किया जाए.

24&7 टोल फ्री कॉल सेंटर, वेब-आधारित सहायता और सामान्य सेवाओं के लिए मोबाइल एप्लीकेशन जैसे कि नया कनेक्शन, डिस्कनेक्शन, पुन: संयोजन, कनेक्शन के स्थान में बदलाव, नाम और विवरण में परिवर्तन, लोड में बदलाव, मीटर को बदलवाना, विद्युत आपूर्ति में बाधा, इन सबके लिए एसएमएस और ई-मेल अलर्ट सुविधा, ऑनलाइन स्टेटस ट्रैकिंग और स्वचालित प्रक्रिया की व्यवस्था. उपभोक्ता की शिकायत निवारण में आसानी लाने के लिए सब-डिवीजन से शुरू होने वाले विभिन्न स्तरों पर उपभोक्ताओं के 2-3 प्रतिनिधियों के साथ उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम.

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