नई दिल्ली। आप विधायकों की याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने संज्ञान लिया। आप विधायकों ने कथित तौर पर लाभ का पद रखने को लेकर पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य ठहराने की चुनाव आयोग की सिफारिश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी है।
- अदालत ने चुनाव आयोग के वकील से कहा है कि वह उसे अविलंब जानकारी दे।
- कि क्या आयोग ने राष्ट्रपति को इस तरह की कोई सिफारिश की है।
- न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने चुनाव आयोग के वकील से कहा है।
- कि वह निर्देश ले और घटनाक्रम के बारे में सूचित करे।
- जिससे सुनवाई को शीघ्र बहाल किया जा सके।
लंबित याचिका पर किया गया आवेदन
आवेदन उस लंबित याचिका में दायर किया गया, जिसमें आप विधायकों ने उनके खिलाफ याचिका का परीक्षण करने के चुनाव आयोग के रुख को चुनौती दी थी।
- चुनाव आयोग द्वारा उन्हें अयोग्य ठहराने की सिफारिश करने के कुछ ही घंटे बाद प्रभावित विधायकों ने ।
- कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष उल्लेख किया।
उसने न्यायमूर्ति पल्ली के समक्ष सुनवाई के लिये मामले को सूचीबद्ध किया।
आप सरकार ने विधायकों को संसदीय सचिव नियुक्त किया
आप के 21 विधायकों के खिलाफ चुनाव आयोग में याचिका प्रशांत पटेल नाम के एक व्यक्ति ने दायर की थी।
- इन विधायकों को दिल्ली की आप सरकार ने संसदीय सचिव नियुक्त किया था।
- इससे पहले दिन में चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति को आप के 20 विधायकों के कथित तौर पर लाभ का पद रखने को लेकर अयोग्य ठहराने की सिफारिश की थी।
- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेजी गई अपनी राय में चुनाव आयोग ने कहा कि संसदीय सचिव होने के नाते उन्होंने लाभ का पद रखा।
- वे दिल्ली विधानसभा के विधायक के पद से अयोग्य ठहराए जाने के योग्य हैं।