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योगी मंत्रिमंडल में बढ़ सकता है जाट और दलित नेताओं का दबदबा

इस बार के विधान सभा चुनाव में जिस तरह से दलितों और काफी नाराजगी के बाद भी जाटों ने बीजेपी का दामन थामे रखा, उससे बीजेपी गद्गद है और वह नहीं चाहती है कि जाट और दलित कभी बीजेपी से नाराज हों। इसी लिए एक दलित और एक जाट को डिप्टी सीएम जैसा महत्वपूर्ण पद सौंपा जा सकता है।

अजय कुमार, लखनऊ

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार-2 की कैबिनेट का चेहरा काफी बदल हुआ होगा। यह तय माना जा रहा है कि होली के बाद, जब योगी आदित्यनाथ दूसरी बार शपथ लेंगे तो उनके साथ करीब तीन दर्जन नेता भी मंत्री बनाए जाएंगे। पुरानी योगी सरकार के कुछ मंत्रियों का कद बढ़ेगा तो मंत्रिमंडल से कई नेता बाहर भी हो जाएंगे। उम्मीद यह भी जताई जा रही है कि नई योगी सरकार में डिप्टी सीएम के पुराने दोनों चेहरे भी बदल जाएंगे।

पुरानी योगी सरकार के कुछ मंत्रियों का कद बढ़ेगा तो मंत्रिमंडल से कई नेता बाहर भी हो जाएंगे

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या चुनाव हारने की वजह से डिप्टी सीएम का पद खो सकते हैं तो वहीं दूसरे डिप्टी सीएम डा0 दिनेश शर्मा की बात है तो शर्भा जी एक तो चुनाव नहीं लड़े थे, दूसरे वह जिस लखनऊ मध्य विधान सभा क्षेत्र के वोटर हैं, उस क्षेत्र में बीजेपी प्रत्याशी की हार से डा0 दिनेश शर्मा की काफी किरकिरी हुई है।

इसके चलते दिनेश शर्मा की भी कुर्सी जा सकती है।इनकी जगह पर उन नेताओं को डिप्टी सीएम की कुर्सी सौंपी जा सकती है,जिनके डिप्टी सीएम बनने से बीजेपी का वोट बैंक मजबूत हो सकता है।

जाट नेता और योगी सरकार में मंत्री सुरेश राणा के हारने से उनकी जगह नया चेहरा नजर आ सकता है

इस बार के विधान सभा चुनाव में जिस तरह से दलितों और काफी नाराजगी के बाद भी जाटों ने बीजेपी का दामन थामे रखा, उससे बीजेपी गद्गद है और वह नहीं चाहती है कि जाट और दलित कभी बीजेपी से नाराज हों। इसी लिए एक दलित और एक जाट को डिप्टी सीएम जैसा महत्वपूर्ण पद सौंपा जा सकता है। जाट नेता और योगी सरकार में मंत्री सुरेश राणा के चुनाव हारने से उनकी जगह नया चेहरा नजर आ सकता है। इस बार पूर्वांचल से भी मंत्रियों की संख्या बढ़ सकती है। खासकर वाराणसी और गोरखपुर का प्रतिनिधित्व बढ़ सकता है।

इनकी मौजूदगी में 25 मार्च को शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को नई सरकार के गठन से पूर्व भाजपा विधायक दल का नेता चुनने के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। योगी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह को यादगार बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित केंद्र सरकार के मंत्रियों और भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों की मौजूदगी में 25 मार्च को शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है।

भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए मंत्रिमंडल में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन के लिए करीब दो दर्जन से अधिक मौजूदा मंत्रियों के साथ नए चेहरों को भी शामिल करने की रणनीति बनाई है। इसमें अन्य दलों से आए नेता भी शामिल हैं। योगी के दिल्ली से लौटकर आने के बाद यह माना जा रहा है कि योगी कैबिनेट का स्वरूप लगभग तय हो चुका है,लेकिन शपथ ग्रहण के समय ही इस बात का खुलासा हो पाएगा कि योगी सरकार टू में किस-किस के हाथ मंत्री पद लगता है।

बहरहाल, जिस नेताओं का मंत्रिमंडल में स्थान तय माना जा रहा है उसमें योगी के पहले कार्यकाल में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, चिकित्सा मंत्री जय प्रताप सिंह, औद्योगिक विकास मंत्रर सतीश महाना, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, एमएसएमई सिद्धार्थनाथ सिंह, जितिन प्रसाद, नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री अनिल राजभर, जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह, पंचायतीराज मंत्री भूपेंद्र चौधरी शामिल हैं। राज्यमंत्री रहे संदीप सिंह, बदलेव सिंह औलख, मोहसिन रजा और गुलाब देवी को भी फिर मौका मिल सकता है।

वहीं, नये चेहरों में पूर्व एडीजी और कन्नौज सदर से विधायक असीम अरुण,आगरा ग्रामीण की विधायक बेबीरानी मौर्य, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं एमएलसी अरविंद कुमार शर्मा, ईडी के पूर्व संयुक्त निदेशक एवं सरोजनी नगर से विधायक राजेश्वर सिंह,पत्रकार से नेता बने शलभमणि त्रिपाठी को भी मंत्री बनाया जा सकता है। साहिबाबाद से सर्वाधिक मतों से जीते सुनील शर्मा, नोएडा से 1.80 लाख से अधिक मतों से जीते पंकज सिंह को भी मंत्री बनाए जाने की चर्चा है।

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