जम्मू-कश्मीर के प्रशासन की तरफ से यहां के सभी धार्मिक स्थल को 16 अगस्त से खोलने के बारे में फैसला लिया गया है. मगर वैष्णों देवी की यात्रा के शुरू होने के बारे में अभी तक सरकार का कोई अहम फैसला नहीं आया है. मगर माना जा रहा है कि इसी दिन से यानी 16 अगस्त से ही भक्तों का इंतजार खत्म हो जाएगा. ऐसे में वे देवी मां के दर्शन करने के लिए वैष्णो देवी की यात्रा कर सकते हैं.
जम्मू- कश्मीर के मुख्य सचिव के अनुसार, 16 अगस्त 2020 को यहां के सभी धार्मिक स्थल खुल जाएंगे. मगर कोरोना के कहर से बचने के लिए अभी तक कोई धार्मिक जूलूस और बड़े पैमाने पर कोई आयोजन करने की अनुमति नहीं दी गई है. इसके साथ ही यात्रा करने के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखने की भी जरूरत है. ऐसे में अगर आप अपनी फैमिली या दोस्तों के साथ देवी मां के दर्शन करने जाने की सोच रहे है तो वैष्णो देवी के मंदिर के साथ आप इन धार्मिक स्थलों पर भी जाना न भूलें.
प्राचीन गुफा- माता वैष्णो देवी के मंदिर में देवी मां एक प्राचीन गुफा है. इस प्राचीन गुफा में तीन पिंडियां स्थापित है. ये पिंडियां तीनों देवी मां सरस्वती, मां लक्ष्मी और मां काली का प्रतीक मानी जाती है. इन्हीं पिंडियों को मां वैष्णों देवी कहा जाता है, जो बहुत सी प्राचीन और प्रसिद्ध है. इसी गुफा में एक चबूतरा भी बनाया गया है. इसके अलावा यहां पर अपने आप पानी बहता है, जो दिखने में बेहद ही सुंदर लगता है.
कैसे जाएं?- वैसे तो देवी मां के मंदिर में जाने के लिए आपको आसानी से बहुत सी सुविधाएं मिल सकती है. आप कटरा तक रेलगाड़ी के माध्यम से पहुंच कर आगे की यात्रा को पैदल तय सकते हैं. इसके अलावा आप चाहे तो घोड़े को किराए पर ले सकते है. अगर आप जल्दी ही देवी मां के दर्शन करना चाहते हैं तो आपको वहां हेलिकॉप्टर से जाने की भी सुविधा मिल सकती है. इससे आप सिर्फ 5 मिनट के अंदर ही माता रानी के भवन के काफी करीब पहुंच जाएंगे.
अन्य मंदिर के भी करें दर्शन- वैष्णों देवी की यात्रा के दौरान बाण गंगा मंदिर, जहां कोषा मंदिर और चरण गंगा आदि धार्मिक स्थल आते हैं. ऐसे में यहां पर भी दर्सन करना न भूलें. इसके साथ ही माता बाला सुंदरी यात्रा, चिट्टो माता, मचैल माता, बुड्ढा अमरनाथ, वार्षिक अमरनाथ, सुकराला माता, पिंगला माता, भद्रवाह में बना कैलाश कुंड आदि पवित्र स्थानों पर भी जाकर भगवान जी के दर्शन कर उनकी असीम कृपा सकते हैं.