Breaking News

लद्दाख में हुई घटनाओं ने किया है भारत-चीन के संबंधों को गंभीर रूप से प्रभावित: विदेश मंत्री

लद्दाख में एलएसी पर भारत और चीन के बीच पिछले साल शुरू हुआ विवाद अभी भी जारी है। इस बीच आज विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 13वीं ऑल इंडिया कांफ्रेंस ऑफ चाइना स्टडीज् में कहा कि पूर्वी लद्दाख में पिछले वर्ष हुई घटनाओं ने संबंधों को गंभीर रूप से प्रभावित किया है. विदेश मंत्री ने कहा कि लद्दाख की घटनाओं ने न सिर्फ सैनिकों की संख्या को कम करने की प्रतिबद्धता का अनादर किया, बल्कि शांति भंग करने की इच्छा भी दर्शाई.

विदेश मंत्री ने कहा कि चीन के रुख में बदलाव और सीमाई इलाकों में बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती पर अब भी कोई विश्वसनीय स्पष्टीकरण नहीं मिला है. जयशंकर ने कहा कि हमारे सामने मुद्दा यह है कि चीन का रुख क्या संकेत देना चाहता है, ये कैसे आगे बढ़ता है और भविष्य के संबंधों के लिए इसके क्या निहितार्थ हैं. साल 2020 में हुई घटनाओं ने हमारे संबंधों पर वास्तव में अप्रत्याशित दबाव बढ़ा दिया है.

उन्होंने कहा कि संबंधों को आगे तभी बढ़ाया जा सकता है जब वे आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता, आपसी हित जैसी परिपक्वता पर आधारित हों. ऐसी कोई भी उम्मीद कि सीमा पर स्थिति की अनदेखी कर जीवन सामान्य रूप से चलता रहे, वास्तविक नहीं है. अगर संबंधों को स्थिर और प्रगति की दिशा में लेकर जाना है तो नीतियों में पिछले तीन दशकों के दौरान मिले सबकों पर ध्यान देना होगा.

उन्होंने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा का कड़ाई से पालन और सम्मान किया जाना चाहिए, यथास्थिति को बदलने का कोई भी एकतरफा प्रयास स्वीकार्य नहीं है. सीमाई इलाकों में शांति चीन के साथ संबंधों के संपूर्ण विकास का आधार है, अगर इसमें कोई व्यवधान आएगा, तो नि:संदेह बाकी संबंधों पर भी इसका असर पड़ेगा.

About Aditya Jaiswal

Check Also

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका-रूस का टकराव तय, अंतरिक्ष में परमाणु हथियारों की दौड़ बनेगा मुद्दा, चर्चा आज

संयुक्त राष्ट्र अमेरिका ने रूस पर एक गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह ...