• झारखंड से लापता महिला का समाजसेवी एवं अधिवक्ता ने लखनऊ के सिविल अस्पताल में करवाया इलाज
लखनऊ। पति अपनी पत्नी को मानसिक स्थिति में भले ही उसे छोड़ सकता है, लेकिन एक पिता के लिए बेटी हमेशा जिम्मेदारी ही बनी रहती है। कुछ ऐसा ही मामला लखनऊ में देखने को मिला। दरअसल झारखंड के गोड्डा जिले की साधना देवी अपना मानसिक संतुलन खोने के बाद घर से भटक कर लखनऊ आ गई थीं। यहां सड़कों पर कई वर्षो से इधर-उधर लावारिस स्थिति में भटकती रहीं।
इसी दौरान उनके पैर के तलवे में गंभीर घाव भी हो गया था। समाजसेवी एवं अधिवक्ता ज्योति राजपूत की नजर जब इन पर पड़ी तो उन्होंने साधना देवी को सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया एवम इलाज शुरू करवाया। बीच में महिला अस्पताल से भाग गई थी लेकिन पुनः आ गई थी। महिला का इलाज 20 दिन तक चला।
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पैर का घाव ठीक होने के पश्चात अधिवक्ता ज्योति द्वारा सूचना मिलने पर सोशल एक्टिविस्ट बृजेंद्र बहादुर मौर्य द्वारा साधना देवी की आवश्यक डिटेल्स लेकर झारखंड में परिवार खोजने की मुहिम शुरू की गई। सोशल मीडिया की मदद एवम अन्य संसाधनों के सहयोग से झारखंड के गोड्डा जिले से साधना देवी के पिता का संपर्क मिला। जिसके पश्चात गुरुवार (30 नवंबर 2023) को सिविल अस्पताल में मेडिकल प्रक्रिया पूरी करने के बाद साधना देवी को उनके पिता के साथ झारखंड रवाना कर दिया गया।
बता दें कि अधिवक्ता ज्योति राजपूत एवं सोशल एक्टिविस्ट बृजेंद्र बहादुर मौर्य संयुक्त रूप से ऐसे मामलों में घर से गायब लोगो के परिवार का पता करके उनके घर उन्हे वापस भिजवाते हैं। इससे पहले भी झारखंड, बिहार, यूपी सुल्तानपुर एवं अन्य कई जगह के भटके बुजुर्गो को उनके परिवार से मिलाया गया है।
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सिविल हॉस्पिटल के सीएमएस डॉ राजेश श्रीवास्तव, वार्ड इंचार्ज रेखा उपाध्याय, स्टाफ नर्स मंशा शानू, ज्योति पांडे, सुमन कुमारी, निदा खातून, भानुमति का विशेष सहयोग रहा। वार्ड आया प्रियंका, अनीता, मांडवी, सरिता एवं रामावती के द्वारा लगातार साफ सफाई पर ध्यान देने के कारण ही साधना देवी के पैरो के घाव जल्दी भर गए।
रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी