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यूपी में पायलट प्रोजेक्ट के रुप में पहला प्लाज्मा वाटर संयत्र हुआ स्थापित

• यूएसए की कंपनी और कृषि विभाग की साझेदारी से स्थापित हुआ संयत्र

• अब वाटर प्लाज्मा से संशोधित किए जायेंगे बीज, किसानों के उत्पादन बढ़ने का दावा

रायबरेली। अब पानी से बनेगा प्लाज्मा और उससे बीजों को संशोधित किया जाएगा जिससे उत्पादन क्षमता बढ़ेगी और किसानों को इसका लाभ मिलेगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के सहयोग से यूएसए की कंपनी ने उत्तर प्रदेश में पहला संयंत्र दीनशाह गौरा के चरुहार वीक में स्थापित किया। गुरुवार को कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने इसका शुभारंभ किया।

यूपी में पायलट प्रोजेक्ट के रुप में पहला प्लाज्मा वाटर संयत्र हुआ स्थापित

उत्तर प्रदेश की कृषि एवं प्राद्योगिकी में प्लाज्मा वाटर द्वारा बीज उपचार एवं फसलों के अच्छे उत्पादन के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इस संयंत्र स्थापना एवं यूपी ड्रॉप्स के संरक्षण में एफपीओ दीनशाह गौरा में की है। यह कृषक उत्पादक संगठन हल्दी चिप्स अन्य उत्पादन भी करेगा। यह संयंत्र जिसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर उत्तर प्रदेश के दीनशाह गौरा के चरुहार वीक में स्थापित किया गया है। यहां पर किसानों के बीजों का संशोधन किया जाएगा।

प्लाज्मा वॉटर सॉल्यूशन तकनीक से बीज संशोधित होंगे और खेतों में बुवाई के समय बीज कम मात्रा लगेगा। जिससे किसानों को अधिक से अधिक लाभ मिलेगा। आईएस मनोज कुमार सिंह ने कहा कि यह नई तकनीक है इससे किसानों को क्या लाभ मिल रहा है इसका आकलन वह खुद करे। विभाग भी इसकी देखरेख करता रहेगा। सरकार किसानों और कृषि प्रौद्योगिकी के अन्य प्रमुख कृषि उत्पादन बढ़ाने वाली कंपनियों के सामूहिक प्रयासों से किसानों की आय बढ़ाने को तत्पर है।

यूपी में पायलट प्रोजेक्ट के रुप में पहला प्लाज्मा वाटर संयत्र हुआ स्थापित

उन्होंने कोरियन कंपनी को हर सहयोग देने की बाद कही। कहा यदि इस कंपनी का दावा सही हुआ तो निश्चित ही किसानों की आय दोगुनी होगी। जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने कहा की अगर इससे उत्पादन बढ़ा तो किसानों को इससे लाभ होगा। कोरियन कंपनी के हेड से भी उन्होंने इस पर विस्तार से बात की। कोरियन कंपनी के यूएसए हेड जेरी ने भी सभी का धन्यवाद दिया और इसके फायदे बताए।

प्लाज्मा वॉटर सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड की भारत की प्रबंध निदेशक प्रज्ञा कालिया ने कहा कि हम उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र के लिए प्लाज्मा युक्त वाटर तकनीक पेश करने के लिए बहुत गर्व महसूस कर रहे हैं इस नवाचार में खेती में उत्पादन वृद्धि होगी और लागत भी कम आयेगी। जब बीज मजबूत होगा और पौध मजबूत होगी जाहिर है अधिक रोग भी नही लगेंगे।

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इस मौके पर तकनीकी समन्वयक अप ड्रॉप्स डॉक्टर जयप्रकाश, निदेशक इंडिगो टेक्निकल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड भानु प्रताप सिंह, सीईओ हेमंत कुमार एफसी लिमिटेड, सीडीओ पूजा यादव, उपकृषि निदेशक विनोद कुमार, जिला कृषि अधिकारी अखिलेश पांडेय, भूमि संरक्षण अधिकारी विनय सिंह, पुलिस उपाधीक्षक नवीन कुमार सिंह आदि उपस्थित रहे।

बीज शोधन के साथ ही फसल पर भी होगा इस वाटर का छिड़काव

प्लाज्मा वाटर निर्माता कंपनी की भारत की हेड प्रज्ञा कालिया की माने तो यह तकनीक बहुत ही कारगर होगी इससे किसानों को बहुत फायदा मिलेगा। उनको किसी रसायन से बीज शोधन नही करना पड़ेगा यह प्लाज्मा में नार्मल पानी के साथ मिला कर बुआई के लिए तैयार बीजों को शोधित किया जाएगा। इसके साथ ही रोग के लगने पर भी अधिकांश रोगों में इसका छिड़काव ही पर्याप्त होगा उसी से यह रोग दूर हो जाएगा।

अभी कोई शुल्क नहीं बाद में लाभ हुआ तो कंपनी लेगी हिस्सा

किसानों को इसके लिए अभी कोई शुल्क नहीं देना होगा लेकिन यदि उनकी फसल को इससे फायदा हुआ तो यह कोरियन कंपनी उनसे उस बढ़े लाभ का कुछ प्रतिशत लेती रहेगी।

यूपी में पायलट प्रोजेक्ट के रुप में पहला प्लाज्मा वाटर संयत्र हुआ स्थापित

मशीन नही बेचेगी कंपनी

कंपनी की भारत हेड प्रज्ञा ने बताया की यूएसए इस मशीन को नही बेचेगा उसका उद्देश्य किसानों को सीधे फायदा पहुंचाना है। लाखो की कीमत की यह मशीन एक किसान ले भी नही पाएगा। हालाकि उन्होंने मशीन की कीमत बताने से भी इंकार किया है।

यूएसए की कंपनी की करेगी रख रखाव

इस वाटर प्लाज्मा संयंत्र का रख रखाव कंपनी ही करेगी उसके लोग इसकी देखरेख करते रहेंगे। जो भी दिक्कत होगी उसको कोरियन कंपनी के लोग ही दूर कराएंगे।

छः माह तक किसानों की फसल में लाभ का होगा आंकलन

बीज शोधन के बाद जब तक फसल तैयार नही हो जाती और उसका लाभ किसानों को नही मिलता तब तक कृषि विभाग और कंपनी दोनो की नजर किसान के खेतों पर होगी। यदि किसान को लाभ मिला तो प्रदेश में इस प्रोजेक्ट को बढ़ावा मिलेगा और यह स्कीम सरकार के सहयोग से किसानों तक पहुंचेगी।

ऐसे होगी फसल की तुलना

एक ही किसान के खेत में आधे मे प्लाज्मा से संशोधित बीज डाला जाएगा और आधे में अन्य शोधित बीज उसके बाद उसी खेत से आंकलन किया जाएगा। जो दिखाई भी देगा। इस पौध में भी अंतर होगा और बीज और उत्पादन में भी अंतर मिलेगा।

वाटर प्लाज्मा से शोधित बीज खाने में भी कर सकते हैं प्रयोग

इस वाटर प्लाज्मा से शोधित बीज को किसान ऐसे बिना किसी चिंता के खा भी सकते हैं ये फायदे मंद भी है। ऐसे रसायन का बीज नही खाया जा सकता है।

उत्पादन के साथ शुद्धता का भी दावा

प्लाज्मा वाटर से शोधित बीज में उत्पादन तो अधिक होगा ही यह सेहत के लिए भी अच्छा रहेगा यह दावा भी कंपनी ने किया है। इसको खाने से शरीर भी हेल्दी रहेगा बीमारियों से लड़ने की ताकत भी मिलेगी।

रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्रा

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